जिला प्रशासन ने लिया पूरे मामलें पर संज्ञान.
मंदिर की दर्जनों एकड़ भूमि पर भूमाफियाओं ने कर रखा है कब्जा।
किशनगंज /प्रतिनिधि
जिले में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद पटना से निबंधित एक मात्र मंदिर श्री काली मंदिर दिघलबैंक के जीर्णोद्धार एवं मंदिर संपत्ति पर अवैध कब्ज़ाधारियों से मुक्त कराने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्यवायी प्रारंभ कर दिया है। श्री काली मंदिर समिति धार्मिक न्यास पर्षद दिघलबैंक के सचिव गणेश कुमार सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारी किशनगंज सह समिति के अध्यक्ष लतीफुर रहमान को पत्र लिख कर मंदिर कि 5 एकड़ 66 डिमसिल भूमि पर बसे दिघलबैंक बजार के दुकानदारों का किराया तय करने हेतु एवं मंदिर की सम्पत्ति पर अवैध कब्जा कर खेती करने वालों पर कार्यवाही कि मांग कि थी।
गौरतलब है की दिघलबैंक श्री काली मंदिर समिति के बाजार के अलावा कई एकड़ भूमि कृषि की भी है,जिस पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। आवेदन पत्र मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी ने अविलंब काली मंदिर कि भूमि पर कब्जा कर खेती करने वालों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 144 के तहत कार्यवाही कर न्यायलय में उपस्थित होने का नोटिस निर्गत किया है.
साथ ही आदर्श आचार संहिता की समाप्ति अर्थात चार जून के बाद सभी दूकानदारों के साथ बैठक आहूत कर बाजार दर से राहत देते हुए दुकान का किराया तय करने कि बात कही हैं।यहां बताते चलें कि दिघलबैंक काली मंदिर की करोड़ों रुपए की संपति जिसमें बाजार की भूमि और कई एकड़ खेती योग्य भूमि है। जिसको निजी संपत्ति बताकर कुछ असामाजिक तत्व दुकानदारों को डरा धमका कर अवैध उगाही कर रहे थे.
लेकिन धार्मिक न्यास पर्षद में निबंधित होने के बाद श्री काली मंदिर समिति दिघलबैंक के अध्यक्ष स्वयं अनुमंडल पदाधिकारी किशनगंज हैं। और सचिव गणेश कुमार सिंह द्वारा जिला प्रशासन को अवगत कराने के बाद अब मंदिर की भूमि और संपति को अवैध कब्जाधारियों से छुड़ाने के साथ साथ कार्यवाई प्रारंभ की गई है।