किशनगंज /पौआखाली/रणविजय
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सीमावर्ती बंदरझुला ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या सात स्थित सोनामणि धार पर बना आरसीसी पुल करीब पांच वर्षों से ध्वस्त है। पुल के ध्वस्त हिस्से में चचरी का निर्माण कर पांच हजार की ग्रामीण आबादी सहित भेंडरानी उत्क्रमित मध्य विद्यालय के सैकड़ों बच्चे और सीमा पर तैनात एसएसबी चौकी के पदाधिकारी और जवानों को जान हथेली पर लेकर क्षतिग्रस्त पुल के ऊपर बिछाए गए चचरी से गुजरना पड़ रहा है।
ध्वस्त पुल पर आवागमन के लिए निर्मित वैकल्पिक चचरी काफी क्षतिग्रस्त अवस्था में है जिसपर बाइक का पहिया फंस जाया करता है। कभी कभी तो आवागमन करने वाले लोगों के पैर भी फिसलकर अंदर की ओर चला जाता है जिससे लोग घायल हो जाते है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों से क्षेत्रीय सांसद विधायक को पुल निर्माण के संबंध में बोल बोलकर थक चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हुई।
गौरतलब हो कि भारत नेपाल सीमा से सटा होने के कारण भारतीय क्षेत्र के ग्रामीणों संग नेपाल से भी लोग छोटे मोटे व्यवसाय व खरीद बिक्री सहित अस्पताल में ईलाज आदि हेतु लोग पहुंचते है।बताते चले की भट्ठा चौक, जियापोखर चौक सहित पौआखाली नगर बाजार तक इसी ध्वस्त पुल होकर आवागमन होता है।
यहां ग्रामीणों को बहुत ही समस्या से गुजरना पड़ रहा है। पुल के उत्तरी छोड़ पर बसे भारतीय और नेपाल के सीमावर्ती गांव भेंडरानी जोरबाड़ी नयाबाड़ी सोनामणि सहित आदिवासी टोला के हजारों आबादी को इस मुसीबत से उबारने वाला फिलहाल कोई नहीं है।ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला से पुल निर्माण करवाए जाने की मांग की है।