किशनगंज /प्रतिनिधि
गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना बेहद जरूरी है। जिले के सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिला की खुराक इस प्रकार होनी चाहिए, जिससे बढ़ रहे भ्रूण, मां के स्वास्थ्य का रख – रखाव, प्रसव के दौरान आवश्यक शारीरिक स्वास्थ्य और सफल स्तन-पान कराने की क्रिया के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके , गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है। वहीँ जिले के सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सिका डॉ. शबनम यास्मिन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के अंतर्गत उन्हें अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराते रहना चाहिए।वह उन्हें र बीपी, वजन, हेमोग्लोबिन, यूरिन आदि की जाँच की सुविधा मुफ्त मिलती है । स्वास्थ्य को लेकर कभी किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए। यदि कोई समस्या महसूस हो रही हो तो तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए।
भोजन में लें संतुलित एवं संशोधित आहार-
महिला चिकित्सिका डॉ. शबनम यास्मिन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को भोजन में 2400 कैलोरी व सामान्य महिला को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 2100 कैलोरी का आहार लेना चाहिए, ताकि विटामिन, मिनिरल्स अधिक मात्रा में प्राप्त हो। डॉ शगुफ्ता प्रवीण ने बताया कि गर्भावस्था में महिला को प्रतिदिन 60 से 70 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए। गर्भवती के गर्भाशय, गर्भस्थ शिशु के विकास में प्रोटीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीनयुक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, मूंगफली, पनीर, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंडे आदि का समावेश होना चाहिए। इसके अलावा कैल्शियम, फोलिक एसिड युक्त भोजन करना चाहिए। साथ ही कम से कम 3 लीटर पानी दिन में पीना चाहिए। सूजन में कमी लाने के लिए कम नमक वाले भोजन लेने चाहिए। महिला सामान्य भोजन खा सकती है किंतु नमकीन या नमक रहित पकाना चाहिए। प्री एक्लेम्पसिया, विशेष रूप से मूत्र में अलबूमिन पाए जाने पर उच्च प्रोटीन युक्त खुराक लेनी चाहिए। गर्भवती महिला को अपनी प्रोटीनयुक्त खुराक बढ़ाने की सलाह देनी चाहिए।
आयरन कैल्सियम के साथ पोषण युक्त भोजन का उचित मात्रा में सेवन जरूरी-
महिला चिकित्सिका डॉ. शबनम यास्मिन कि सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास हो पायेगा। भ्रूण के लिए प्रोटीनयुक्त आहार अनिवार्य होता है। यदि संभव हो तो गर्भवती महिला को पर्याप्त मात्रा में दूध, अंडे, मछली, पॉल्ट्री उत्पाद और मांस का सेवन करना चाहिए। यदि वह शाकाहारी हो तो उसे विभिन्न अनाजों तथा दालों का प्रयोग करना होगा।खून की कमी न होने पाए, इसलिए शिशु में रक्त वृद्धि के लिए लौह अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मां को चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग करना चाहिए, बाजरे से बने खाद्यों को खाना चाहिए, साथ ही तिल के बीज और गहरी हरी पत्तियों वाली सब्जी का भरपूर प्रयोग करना चाहिए।शिशु की हड्डियों और दांतो की वृद्धि के लिए कैल्सियम आवश्यक है। दूध कैल्सियम का अति उत्तम स्रोत है। रागी और बाजरे में भी कैल्सियम उपलब्ध होता है। उसको छोटी सूखी मछली खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन महत्वपूर्ण होती है। उसको साग-सब्जियों का भरपूर प्रयोग (विशेष रूप से गहरी हरी पत्तियों वाली) करना चाहिए और खट्टे प्रकार के फलों सहित फलों का प्रयोग करना चाहिए।
गर्भवती माता का रखे विशेष ख्याल
• संतुलित आहार लें।
• डाइट में विटामिन शामिल करें।
• तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज़ करें ।
• बुखार होने पर घबराएं नहीं
• इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल
• कोरोना के लक्षण हैं तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें ।
• पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंक और बी कांप्लेक्स दवा जरूर घर में रखें।
• हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें
• तनाव न लें।