विशेष ! कुत्ता कुत्ते का मांस नहीं खाता

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राजेश दुबे

कहते है कुत्ता कुत्ते का मांस नहीं खाता ।लेकिन वर्तमान दौर में सारी नैतिकता ,मर्यादा को ताक पर रखते हुए लोक तंत्र के चौथे खंभे के कुछ पहरेदारों  को  प्रतिस्पर्धा और लाभ का ऐसा चस्का लगा है कि अब वो मांस तो क्या हड्डियों को भी चबा जाना चाहते है ।

एक निजी समाचार  चैनल  द्वारा टीआरपी में अव्वल आने के बाद दूसरे टीवी चैनल को “बीते दिनों” की बात और “कल तक” घोषित कर देने पर  यह लिखना आवश्यक हो जाता है, कि  मीडिया और पत्रकारों के भी कुछ दायरे होते है और उन दायरों में रह कर ही प्रतिस्पर्धा करना चाहिए ।

अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब मीडिया के बड़े घरानों पर भी चुटकुले बनने लगेंगे और उनकी इज्जत किसी कॉमेडी शो से अधिक नहीं रह जाएगी ।में बात कर रहा हूं आज के चर्चित समाचार चैनल रिपब्लिक भारत की, यह सही है कि विगत कुछ दिनों में इस चैनल के द्वारा कुछ मामलों को प्राथमिकता के साथ उठाया गया और उसका रिजल्ट भी देखने को मिला है ।

लेकिन चैनल के डिबेट  “पूछता है भारत “हो या अन्य कार्यक्रम उनमें जिस तरह का व्यवहार गेस्ट के साथ किया जाता है उसके बाद यही लगता है कि चैनल के एडिटर और अन्य एंकर मछली बाज़ार में मछली बेचने उतरे हुए है और खरीदार किसी दूसरे से मछली ना खरीद ले उसके लिए छीना झपटी पर उतारू हो गए हैं ।

यही नहीं शो के दौरान ऐसा लगता है कि अतिथि अगर एंकर के हिसाब से जबाव नहीं देगा तो कहीं ऐसा ना हो उसकी पिटाई हो जाए ।ये माना कि गला काट प्रतिस्पर्धा है और चैनल को चलाने के लिए ,सुर्खियों में बने रहने के लिए किसी भी चीज को बढ़ा चढ़ा कर पेश करना मजबूरी है ।

उसके बावजूद भाषा के स्तर पर इतना घटियापन , आक्रमकता,चीखना चिल्लाना ,बोलते बोलते शर्ट के बाजू समेटना इसे पत्रकारिता नहीं बल्कि उद्दंडता कहेंगे और इसी उदंडता कि वजह से यह चैनल आज नंबर वन बन गया है जो कि विचारणीय प्रश्न है ।सवाल उठाता है कि क्या कारण है इस चैनल को पसंद करने की ,क्या इसके एंकरों की उदंडता कारण है या फिर इसकी निर्भीकता ।

कारण जो भी हो, लेकिन अगर यही स्थिति रही तो कुछ दिनों बाद दूसरे चैनल भी इसी तरह की उदंडता करेंगे और कहीं ऐसा ना हो कि एंकरों की ऐसी कार्यशैली देख कर जो गेस्ट आते है वो भी कल कार्यक्रम में आते समय कहीं कट्टा लेकर ना पहुंचना शुरू कर दे । क्योंकि इससे पहले हाथापाई तो हो ही चुकी है ।

विशेष ! कुत्ता कुत्ते का मांस नहीं खाता