उप प्रमुख समदानी बेगम भारती ने सीएम नीतीश कुमार को भेजा पत्र, वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने की मांग

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किशनगंज /प्रतिनिधि

कोचाधामन उप प्रमुख समदानी बेगम भारती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल के जरिये पत्र भेज कर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्रांक 54 दिनांक 1 अप्रेल 2024 के द्वारा भेजे गये पत्र में लिखी है कि बड़े दुख के साथ कहना चाहती हूँ कि संचार क्रांति के इस युग में दुनियाँ जहाँ अंतरिक्ष पर नये नये रिसर्च करने, नई नई बिमारियों के इलाज की खोज करने एवं बड़े से बड़े शैक्षणिक संस्थानों को और भी डेवलप करने की होड़ में बढ़ रही है।

वहीं हमारे देश की सरकार हर दिन नये नये विवादास्पद उलझनें पैदा कर रही है। सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि अभी भी हमारे देश में करीब 80.10 करोड़ राशनकार्ड धारक हैं जो ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।

जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने वादा किया था कि देश का खर्बों रुपये कालाधन के रुप में बाहर स्विस बैंक में जमा है, एनडीए सरकार बनते ही सभी कालाधन को भारत लाकर गरीबों में बाँट दिया जाएगा और पंद्रह पंद्रह लाख रुपये सबके खाते में जमा हो जाएंगे। एनडीए गठबंधन ने किसानों से वादा किया था की किसानों के फसलों की लागत मूल्य का पच्चास प्रतिशत समर्थन मूल्य जोड़कर तय किया जाएगा और सभी का भविष्य सुधर जाएगा। इतना ही हर साल दो करोड़ बेरोज़गारों युवाओं को नौकरी देने का विश्वास भी एनडीए गठबंधन ने दिलाया था।

कालाधन तो आज तक गरीबों का सपना ही रह गया है, अभी भी हमारे देश के ग़रीब बेसब्री से पंद्रह लाख रुपये अपने खाते में आने का इंतज़ार कर रहे हैं। किसानों की हालत आज भी बेहद नाज़ुक बनी हुई है जो पुरे देश की जनता जान रही है। देश के होनहार युवा डिग्रियाँ लेकर दर दर भटकते हैं, उन्हें नौकरी तो मिल नहीं रही है। लेकिन सरकार के द्वारा उनके रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ख़ानापूर्ति भी ठीक ढंग से नहीं की जा रही है। गरीबों की हालत ऐसी है कि दो से तीन सौ रुपये देहारी मजदूरी कमाने वाले गरीब मजदूर पर परिवार का भारी बोझ के अलावा माइक्रोफाइनेंस बैंकों से मजबुरी में लिये गये एक-डेढ़ लाख रुपये का लोन हर हफ़्ते चुकाने में बदन का ख़ून जल जाता है। लेकिन लोकतंत्र की मंदिर कही जाने वाली लोकसभा एवं राज्यसभा में ग़रीबी, भुखमरी का दंश झेल रहे लोग, आत्महत्या कर रहे हमारे किसान एवं बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने की समस्या का समाधान खोजने के बजाय सदन का महत्वपूर्ण समय विवादास्पद मुद्दों को पटल पर रख कर सिर्फ़ और सिर्फ़ समय की बर्बादी की जा रही है।


उन्होंने आगे कही है कि महोदय, केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 किसी भी सूरत में मुसलमानों को बर्दाश्त नहीं है। अपनी मर्जी से निजी संपत्ति को एक संस्था में दान करने का चलन शुरू से चलता आ रहा है। आवश्यकता पड़ने वक्फ की गई संपत्तियां औकाफ कमिटी के द्वारा समाज की ज़रूरतों के मुताबिक़ सही इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के संसोधन की कोई आवश्यकता ही नहीं है। फिर भी नये प्रावधान लाकर सिर्फ़ और सिर्फ़ मुस्लिम एवं ग़ैर मुस्लिम समाज में तकरार पैदा करने की नियत से केंद्र सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 लाई है ताकि मेन मुद्दों पर से देश की जनता का ध्यान भटकाया जा सके। केंद्र सरकार अपने किसी भी वादे पर खड़े उतर नहीं सकी है। उन्हें देश की अर्थव्यवस्था की कोई परवाह नहीं है।

आप बिहार के विकास के साथ-साथ मुस्लिम समाज के लिए ऐतिहासिक कार्य किये हैं। लेकिन जब से भाजपा के साथ गठबंधन में आपकी सरकार बनी है तब से बिहार के मुस्लिम समुदाय देश में भाजपा की धर्म विशेष को निशाना बना कर लगातार परेशान करने वाली नीतियों के कारण भयभीत है। मुसलमानों को घोर निराशा तब हुई जब आपकी पार्टी जनता दल( यूनाईटेड) का केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को समर्थन देने की बात सामने आई। बिहार के मुस्लिम आज भी आप से मुहब्बत करते हैं एवं उम्मीद की निगाह से देखते हैं। मैं खुद कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से सम्बन्ध रखती हूँ यही मेरी कर्मभूमि है।

कोचाधामन क्षेत्र सहित किशनगंज जिला में आपके द्वारा सैकड़ों बड़े विकास कार्यों को पुरा किया गया है। फिर भी किशनगंज जैसे मुस्लिम बाहुल्य इलाक़े में जदयू लगातार हार रही है। यही कारण है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कोचाधामन एवं ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के दोनों एनडीए प्रत्याशी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ कर बुड़ी तरह से चुनाव हार गए। इतना ही नहीं वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव भी किशनगंज संसदीय क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी जदयू के टिकट पर लड़ कर हारे जिसका सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही कारण था कि आपकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल थी।

भाजपा आपके विकास के न्याय के साथ विकास के सिद्धांतों के ठीक उलट धार्मिक भावनाओं को ही मुद्दा बनाकर सत्ता में बनी रहती है। यहाँ की अवाम आपसे बहुत ख़ुश है, लेकिन भाजपा से आपकी पार्टी की गठबंधन के कारण ही नाराज़ तथा आक्रोशित चल रही है। यह सिलसिला तब तक बरकरार रहेगा जब तक जदयू वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के विरोध में संसद की दोनों सदनों में जमकर विरोध नहीं करेगी। वरना पूरे बिहार के गाँव मुहल्लों में मुसलमानों सहित सभी धर्मों के अवाम के लिए लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में समर्थन के कारण आगामी विधानसभा चुनाव में लोकतांत्रिक रुप से ज़बर्दस्त आक्रोष झेलना पड़ेगा एवं इससे पार्टी को भारी नुक़सान होगी।उप प्रमुख ने चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह की है कि केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को समर्थन देने पर पुनर्विचार करते हुए अपने पार्टी हित में मुसलमानों के मिज़ाज का ख़्याल रखते हुए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का जमकर विरोध करने की कृपा की जाये इससे बिहार सहित देश के मुस्लिम समाज आप श्रीमान के प्रति समर्पित रहेंगे। इस बात की विश्वास मैं दिलाती हूं।

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