नक्सलबाड़ी/चंदन मंडल
भारत नेपाल सीमा से आवाजाही बंद हुए छ महीने पूरे होने जा रहे हैं। कोरोना के कारण जिले के गलगलिया बॉर्डर पर भी आवाजाही ठप है। लोगों के बीच थोड़ी दूरी बनी हुई है , भारत – नेपाल में रह रहे रिश्तेदारों को मिलने जुलने में परेशानी हो रही है। सीमावर्ती इलाके और नेपाल में जिन भारतीयों का व्यापार है उनकी दिक्कतें बढ़ी है। उनका व्यापार कोरोना वायरस को लेकर ठप है।

इधर सीमा पर आवाजाही ठप होने से बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र पानीटंकी व डांगुजोत बाजार तथा किशनगंज जिले के गलगलिया व भातगांव बाजार भी सुनसान है, वहीं नेपाल के बिर्तामोड स्तिथ भारतीय ग्राहकों पर आश्रित आंख अस्पताल सहित कई पर्यटक स्थल सुनसान है। सीमा सील रहने के कारण , बेटी- रोटी के सम्बंध पर भी प्रभाव पड़ा है ।
दोनों ओर के लोग परेशान हैं , दोनों ओर के लोग अपने रिश्तेदार सगे संबंधियों के यहां नहीं जा पा रहे हैं। शादी – विवाह, श्राद्ध सहित अन्य कार्यक्रमों में लोगों को जाना जरूरी रहता है, लेकिन सीमा सील रहने के कारण लोग एक दूसरे के यहां नहीं जा पा रहे हैं। दोनों ओर के लोग इलाज व धार्मिक यात्रा पर भी नहीं जा पा रहे हैं।
वहीं जानकारी के अनुसार 17 सितम्बर को इंडो- नेपाल बॉर्डरें भी खुलने की बात सामने आई हुई थी, जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और लोगों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही थी, लेकिन जैसे ही अब 17 अक्टूबर को खुलनी बात सुनी तो लोगों के चेहरे पर फिर से उदासी छा गई है।