
किशनगंज /प्रतिनिधि
जिला जदयू कार्यालय में जदयू जिलाध्यक्ष नौशाद आलम और जेडीयू प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी पर आरक्षण विरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा। जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक के बाद अति पिछड़ा आयोग के आकलन के बाद ही चुनाव की तिथि घोषणा की गई है। मगर भाजपा के नेता आरक्षण समाप्त करने की साजिश रच कर अब नगर निकाय चुनाव को रुकवाने का हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा की नगर निकाय चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद भाजपा के नेता सवाल खड़ा कर रहे है। वास्तविकता यह है कि भाजपा आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायलय के आदेश के बाद अतिपिछड़ा वर्ग आयोग ने अध्यन कर रिपोर्ट सौंपी है। जिसे पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी समीक्षा कर इस पर अपना सुविचारित मंतव्य दिया। इसके बाद चुनाव की तिथि की घोषणा हुई। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पटना उच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायाधीश है। श्री आलम ने कहा की भाजपा का चेहरा इस तथ्य से भी उजागर होता है की मई 2022 में मध्य प्रदेश में हो रहे नगर – निकाय के चुनाव में मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुसंशा को ही सर्वोच्च न्यायलय में स्वीकार कर चुनाव की अनुमति दी गई है।
मध्य प्रदेश भाजपा शासित राज्य है ,इसलिए वहां पिछड़ा वर्ग आयोग जिसके तीन सदस्य भाजपा के माननीय विधायक है की अनुसंशा स्वीकार की जाय और बिहार में अतिपिछड़ा आयोग एवं पिछड़ा वर्ग की आयोग (जिसके अध्यक्ष उच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायाधीश है) की उजागर करती है।
जदयू जिला अध्यक्ष नौशाद आलम ने बताया कि भाजपा नेता यह प्रश्न भी खड़ा कर रहे है कि पुनः नामांकन की प्रक्रिया होनी चाहिए जबकि सत्य यह है कि नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के पश्चात चुनाव स्थगित हुआ था सिर्फ मतदान होना शेष था। जो अब घोषित नई तिथि के अनुसार होगी।
जब चुनाव स्थगित हुआ था तो यही भाजपा नेता वक्तव्य दे रहे थे कि नामांकन कराने में उम्मीदवारों का बहुत खर्च हो गया है अब जब सिर्फ मतदान की तिथि घोषित हुई है तो नए नामांकन की बात उठा रहे है।इस मौके पर जदयू नेता बुलंद अख्तर हासमी,अधिवक्ता सत्य प्रकाश,रियाज अहमद,कमाल अंजुम सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
