वर्तमान समय में हर इंसान आरामदायक जिंदगी और पैसों की चाह रखता है, लेकिन इस चाहत को पूरा करते हुए व्यक्ति का लालच दिन ब दिन बढ़ता चला जाता है। इच्छाओं की पूर्ति के लिए इंसान या तो कड़ी मेहनत करता है या फिर गलत रास्ते पर चलकर धन कमाने की कोशिश करता है जिससे कि उसे वो तमाम सुख सुविधाएं मिले जिसकी वह चाहत रखता है ।
लेकिन हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्हें इतिहास का सबसे अमीर व्यक्ति माना गया है और उनकी संपत्ति का अंदाजा आज तक कोई नहीं लगा पाया।हम हम आपको बताने जा रहे हैं मंसा मूसा की कहानी जिसे इतिहास का सबसे अमीर व्यक्ति माना जाता है

आइए जानते है कौन थे मंसा मूसा ?
मंसा मूसा पश्चिमी अफ्रीका का बादशाह था, जिसका जन्म 1280 में हुआ था। बड़े भाई अबू बक्र के लंबी यात्रा पर चले जाने के बाद मूसा पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह बने थे ।
मंसा मूसा ने 14वीं शताब्दी तक पश्चिमी अफ्रीका में शासन किया था और अपने शासन काल के दौरान इस राजा ने इतनी दौलत इकट्ठा कर ली थी कि उसकी गिनती कर पाना असंभव हो चुका था।
इतिहासकारों के मुताबिक मंसा मूसा के अमीर बनने का सबसे बड़ा कारण था सोना, जिस समय वह राज गद्दी संभाल रहे थे उस दौरान दुनिया भर में सोने की मांग की काफी ज्यादा बढ़ गई थी। मंसा मूसा पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह थे और उनके पास सोने के अनगिनत भंडार मौजूद थे, ऐसे में कहा जाता है कि मंसा मूसा के पास अकेले ही दुनिया का आधा सोना मौजूद था।
जैसे जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग बढ़ती गई, बादशाह मंसा मूसा की संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती चली गई थी। इस तरह इतिहास में एक ऐसा वक्त भी आया कि मंसा मूसा की दौलत की गिनती करने के लिए हाथ कम पड़ गए थे, जिसके बाद लोगों ने उनकी संपत्ति का अंदाजा लगाना भी छोड़ दिया था।
400 बिलियन डॉलर का मालिक था मंसा मूसा ?
दुनिया भर में मंसा मूसा के रूप में पहचान बनाने वाले बादशाह का असली नाम मूसा कीटा प्रथम था, जिन्हें राज गद्दी संभालने के बाद मंसा मूसा के नाम से जाना जाने लगा। मंसा मूसा के शासन काल के दौरान आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया देश उनके राज्य का हिस्सा हुआ करते थे।
इतिहासकारों की मानें तो मंसा मूसा के पास 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति मौजूद थी, जबकि कई इतिहासकारों का मानना है कि बादशाह मंसा मूसा की दौलत का 400 बिलियन डॉलर से भी कई ज्यादा थी। जिसका अंदाजा वर्तमान में नहीं लगाया जा सकता है।

60000 लोगों के काफिले के साथ मक्का की यात्रा पर निकले थे मूसा ?
इतिहासकारों की मानें तो बादशाह मंसा मूसा काफी धार्मिक स्वभाव के थे, इसलिए 1324 में वह मक्का की यात्रा पर गए थे। इस यात्रा के दौरान मंसा मूसा के साथ 60 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे, जबकि बादशाह के निजी अनुचरों की संख्या 12 हजार थी।
मंसा मूसा की मक्का यात्रा पर 500 लोग घोड़े के आगे रेशमी लिबास पहनकर हाथों में सोने की छड़ी लिए हुए आगे बढ़ रहे थे, जबकि इस यात्रा में 80 ऊंट भी शामिल थे और उनकी पीठ पर 136 किलोग्राम सोना लदा हुआ था।
मूसा को ले डुबी दरियादिली ?
जब बादशाह मंसा मूसा पश्चिमी अफ्रीका से मक्का की यात्रा पर निकले थे, जो उनके साथ महज 12 हजार लोग को जत्था चल रहा था। लेकिन बादशाह की लोकप्रियता की वजह से यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले नगरों व शहरों से लोग उनके जत्थे में शामिल होते चले गए और यह संख्या 60 हजार के करीब पहुँच गई थी।
पश्चिमी अफ्रीका से मक्का की दूरी साढ़े छह हजार किलोमीटर थी और इस सफर को पूरा करने में लंबा वक्त भी लगा था, इस दौरान 60 हजार यात्रियों और ऊंट व घोड़ों के खाने पीने व ठहरने का सारा खर्च मंसा मूसा ने ही उठाया था।
बादशाह मंसा मूसा बहुत ही नेक दिल थे, इसलिए वह किसी भी गरीब का दुख नहीं देख पाते थे। अपनी मक्का यात्रा के दौरान जब वह मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजर रहे थे, तो उन्होंने वहाँ गरीबों नागरिकों को ढेर सारा सोना दान कर दिया था।
मिस्र को इतनी ज्यादा मात्रा में सोना दान करने की वजह से पश्चिमी अफ्रीका के पास सोने के भंडर में कमी आई थी, जिसकी वजह से पूरे देश में सोने के दाम तेजी से नीचे गिरने लगे।
पश्चिमी अफ्रीका की अर्थव्यवस्था सोने के व्यापार पर ही टिकी हुई थी, ऐसे में गोल्ड के दामों में कमी आने की वजह से इस देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई। इसके परिणामस्वरूप राज्य में महंगाई बढ़ने लगी और प्रजा को भुखमरी व गरीबी का सामना करना-करना पड़ा।

57 साल की उम्र में हुआ निधन ?
इन सभी चुनौतियों के बीच मंसा मूसा का 57 साल की उम्र में निधन हो गया, जिसके बाद उनके बेटे ने राजगद्दी संभाली। लेकिन तब तक पूरे देश की हालात इतनी बिगड़ चुकी थी कि मंसा साम्राज्य को दोबारा से खड़ा कर पाना बहुत ही मुश्किल हो चुका था।
ऐसे में बढ़ती महंगाई और चरमराती अर्थव्यवस्था के परिणामस्वरूप मूसा सल्तनत कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई, जिन्हें विभिन्न राजाओं द्वारा संभाला गया था। अगर मंसा मूसा इतने दरियादिल नहीं होते, तो उनके साम्राज्य का कभी अंत नहीं होता और वह इतिहास के सबसे अमीर राजा बने रहते।
मंसा मूसा के बाद इतिहास में ऐसा कोई राजा चर्चित नहीं हुआ जिसकी संपत्ति की दुनिया भर में इतनी चर्चा हुई हो। इस समय भी अनेक अरबपति लोग दुनिया में मौजूद हैं, लेकिन उनकी संपत्ति का लेखा-जोखा सबके सामने है। जबकि बादशाह मंसा मूसा की संपत्ति का अंदाजा लगा पाना, आज भी असंभव है ।
फोटो साभार :इंटरनेट
Post Views: 469