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किशनगंज :”बाल हृदय योजना’’ कार्यक्रम के तहत जिले के 02 बच्चों को भेजा गया गुजरात

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अहमदाबाद के अस्पताल में हार्ट की होगी सर्जरी


सदर अस्पताल से 102 एम्बुलेंस के माध्यम से पटना एअरपोर्ट के लिए रवाना

किशनगंज /प्रतिनिधि


संक्रमण काल में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लोगों के स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहा है। इसी क्रम में जिले के ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा “बाल हृदय योजना” चलाई जाती है। इसी क्रम में शनिवार को सदर अस्पताल से पटना एयरपोर्ट के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से जिले के 02 बच्चों को अहमदाबाद के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा हृदय में छेद से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए रवाना किया गया । इन 02 बच्चों में मलिका रानी (10 वर्ष)बहादुरगंज प्रखंड से,इरम आरजू (04वर्ष ) दिघलबैंक प्रखंड से हैं। जो जन्म से ही दिल में छेद की समस्या से ग्रसित हैं। सभी बच्चों की इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में स्क्रीनिंग की गई है।

आरबीएसके के तहत 30 रोगों का इलाज किया जाता है –


सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया की दोनों बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सफल इलाज किया जायेगा। इसके लिए जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की पूरी टीम धन्यवाद की पात्र है। जिन्होंने संक्रमण काल में भी बच्चों के ह्रदय एवं अन्य इलाज के लिए स्क्रीनिंग का कार्य किया हैं। 18 साल तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नापतौल आदि करती हैं। फॉर्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है। इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिसीज, डेवलपमेंट डिले तथा डिसएबिलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है। आरबीएसके के तहत 30 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है।







‘‘बाल हृदय योजना’’ कार्यक्रम के तहत दी जा रही है सुविधा


सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि जिले में हृदय में छेद के साथ जन्में 02 बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी है जो कोचाधामन , बहादुरगंज ,दिघल बैंक के निवासी हैं । उनका सुशासन के कार्यक्रम (2020-2025) के अन्तर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 में शामिल ‘‘सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा’’ अन्तर्गत हृदय में छेद के साथ जन्में बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था को स्वीकृत नई योजना ‘‘बाल हृदय योजना’’ कार्यक्रम के तहत इलाज किया जाना है। । उन्होंने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या/बीमारी है। एक अध्ययन के अनुसार जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत नवजात बच्चों को प्रथम वर्ष में शल्य क्रिया की आवश्यकता रहती है।


स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन:


बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। राज्य सरकार के सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को नई योजना ‘बाल हृदय योजना’ को 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसके लिए 13 फरवरी, 2020 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जबकि बच्चों की शुरुआती स्क्रीनिंग से लेकर बच्चों के आने-जाने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है।

अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं:


आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कोरोना काल में में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 30 रोगों के इलाज के लिए स्क्रीनिंग के लिए पूरी टीम जिले में मुस्तैदी से कार्यरत है। जिले में बाल हृदय योजना से छह बच्चों को नया जीवनदान मिलेगा। योजना के तहत चयनित बच्चों को शनिवार को दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद के श्री सत्य साईं हॉस्पिटल में भेजा गया । मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क सर्जरी के साथ ही आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करायी जाएगी।






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