KishanganjNews:टेढ़ागाछ में घटते जलस्तर के बावजूद बढ़ा कटाव का खतरा

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टेढ़ागाछ (किशनगंज): विजय कुमार साह

प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली प्रमुख नदियां — कनकई, गोरिया एवं रेतुआ — का जलस्तर भले ही घटने लगा हो, लेकिन रेतुआ नदी के तेज कटाव ने स्थिति को भयावह बना दिया है। हवाकोल पंचायत के दर्जन टोला, हवाकोल वार्ड संख्या 3, खजूरबाड़ी वार्ड 11 एवं 12, भोरहा पंचायत के पुराना टेढ़ागाछ और चिल्हनिया पंचायत के सुहिया हाट में कटाव से तीन परिवारों के घर नदी की गर्भ में समा गए हैं।

कटाव की रफ्तार को देखते हुए ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द कटाव-रोधी कार्य आरंभ कराया जाए, अन्यथा घनी आबादी वाले गांवों के अस्तित्व पर संकट गहराता जाएगा। ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी विशाल राज से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि और घर नदी में समाने से बचाए जा सकें। उधर, कनकई नदी का पानी मटियारी, डाक पोखर और कालपीर पंचायतों के कई गांवों में रविवार को घुस गया था। सोमवार को जलस्तर में गिरावट आने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली।

हालांकि कई इलाकों में अब भी पानी जमा है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मटियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सफदर हुसैन अंसारी ने मालीटोला, सुंदरबाड़ी और कुर्राटोली समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि “नदी का जलस्तर कम हुआ है, लेकिन कई घरों में अभी भी पानी जमा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं, कालपीर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार दास ने बताया कि “पानी घटने के बावजूद वार्ड संख्या 4 एवं 5 के कुछ गांवों में अब भी जलजमाव बना हुआ है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन से अपील की है कि कटाव एवं जलजमाव की समस्या के समाधान हेतु त्वरित कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में दर्जनों घर और जमीन नदी की तेज धार में बह सकते हैं।

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