किशनगंज /देवाशीष चटर्जी
सीमावर्ती किशनगंज जिले में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला है ।मालूम हो कि जिले के सातों प्रखंडों में महागठबंधन और एआईएमआईएम सहित अन्य संगठनों द्वारा कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया गया है ।
जिले के बहादुरगंज प्रखंड में मंगलवार के दिन मुख्य बाजार झांसी रानी चौक में स्थानीय युवाओं ने बांस बल्ले के सहारे दिघलबैंक बहादुरगंज मुख्य सड़क को झांसी रानी चौक के समीप जाम कर मुख्य बाजार के दुकानों को बंद करवाया।साथ ही साथ केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस किसान विरोधी बिल को वापस ले।

वहीं मौके पर मुस्लिम लीग पार्टी के जिलाध्यक्ष मुख्तार आलम ने सरकार पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत बंद के दौरान आमजनो को हो रही परेशानी का जिम्मेदार केंद्र सरकार है।उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश की धरोहर है।देश के अन्नदाता के साथ अत्याचार और अन्याय हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं राजद के जिला मीडिया प्रभारी कामरान आलम ने किसानों के समर्थन लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो कृषि कानून बनाई गयी है वह बिल्कुल किसान विरोधी कानून है।जिसे केंद्र सरकार जबरन देश के किसानों पर थोपना चाहती है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की हकमारी कर रही है।सरकार भूल चुकी है कि किसान ही कड़ी मेहनत कर देश के लोगों का पेट भरते हैं।परंतु किसानों को फसल का सही कीमत नही मिल पा रहा है।जिस कारण किसान दिन-प्रतिदिन कर्ज तले डूबते चले जा रहे हैं।
भारत बंद के दौरान किशनगंज शहरी क्षेत्र में हर दिन की तरह दुकानें खुली रही ।कांग्रेस एवं राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा एनएच 31 को कुछ देर के लिए जाम कर नारेबाजी की गई ।हाथो में तख्तियां लिए बंद समर्थक केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे हालाकि किसी तरह की अप्रिय घटना बंद के दौरान कही नहीं घटी है ।बंद को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी ताकि किसी तरह का उपद्रव कोई ना कर सके ।
