किशनगंज/विजय कुमार साहा
टेढ़ागांछ प्रखंड क्षेत्र के चिल्हनियाँ पंचायत अंतर्गत सुहिया हाट स्थित रेतूआ नदी के धार पर वर्षों से पुल की मांग स्थानीय लोग जनप्रतिनिधियों से करते आ रहे हैं। पर उनकी मांगों को लेकर जनप्रतिनिधि उदासीन हो चुके हैं। ग्रामीणों को इस बात का आक्रोश है कि जनप्रतिनिधियों चुनाव में पुल – पुलिया बनाने का आश्वासन देते हैं।

लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई वादा पूरा नहीं करते हैं बताते चलें कि रेतूआ नदी पर पुल निर्माण की मांग स्थानीय लोग वर्षों से करते आ रहे हैं। पुल नहीं होने से यहां के लोग का जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। आवागमन के नाम पर लोग हनुमान चालीसा पढ़ कर नाव से नदी पार करते हैं। नाव के लिए घाट पर घंटों इंतजार करते हैं। तेज धारा में छोटी नाव पर सवार होकर नदी पार करना यहां के ग्रामीणों की मजबूरी बन गई है।

रोजमर्रा की जरूरतों की तलाश में घर से निकलने के बाद शाम को घर लौटते मजदूरों से हुई बातचीत में लक्ष्मण ऋषिदेव, पुष्पा ऋषिदेव, जानकी देवी, दुखिया देवी, सुरेश दास, झामो देवी,भगला पासवान, भोला ऋषिदेव, सीमा ऋषिदेव, शुद्धू ऋषिदेव, रामजी ऋषिदेव, भोला ऋषिदेव, उमेश ऋषिदेव, गुड्डू कुमार मंडल, भजिया ऋषिदेव, योगेंद्र पासवान, गुलाबचंद ऋषिदेव सहित दर्जनों ने बताया कि जब तक हम घर वापस नहीं पहुंचते तब तक परिजन चिंतित रहते हैं।
इसलिए हम सभी दिन रहते हुए।घर लौटना चाहते हैं लेकिन नाव के इंतजार में अंधेरा हो जाता है। सरकार भी हमारे लिए कुछ नहीं करती हम वर्षों से सुहिया घाट पर पुल की मांग करते हैं लेकिन यहां के सांसद या विधायक को जनता के दुख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है।






























