चिल्हनियाँ के खटिया टोली में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, आदिवासी परिवार विकास से दूर,समस्याओं के समाधान की मांग

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विजय कुमार साह/टेढ़ागाछ

टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत चिल्हनियाँ पंचायत के वार्ड संख्या 5 स्थित आदिवासी बाहुल्य खटिया टोली गाँव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। सरकार एक ओर आदिवासी एवं महादलित टोलों में शिविर लगाकर जनसमस्याएं सुनने और समाधान करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत सरकार की योजनाओं की पोल खोल रही है।

खटिया टोली में रहने वाले आदिवासी परिवारों को आज भी पक्की सड़क,शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने महादलित एवं आदिवासी परिवारों के उत्थान के लिए ‘विकास मित्र’ की बहाली की थी, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे समुदाय तक पहुंचे। लेकिन यहां विकास मित्र की सक्रियता न के बराबर है, जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।

स्थानीय निवासी ललित मुर्मू ने बताया, “हमारे टोले में न सड़क है, न पीने के पानी एवं स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था नहीं है। बरसात में कीचड़ में रास्ता पार करना मुश्किल हो जाता है।”वहीं सविता सोरेन ने कहा, “शौचालय बनवाने का नाम तो सुना है, लेकिन हमारे घर तक कभी कोई योजना नहीं पहुंची।


उन्होंने कहा कि सड़क भी खराब है जिसकी वजह से बच्चों को विद्यालय जाने में परेशानी होती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जाएं और विकास मित्र की जवाबदेही तय की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे। ग्रामीण मुकेश हेम्ब्रम, मुन्नी मृर्मा, सोम मुर्मू, सेमली हांसदा, कृष्णा मुर्मू, रेशमा टुडू, संजय हेम्ब्रम, आरती मराण्डी, उधीर, रानी मराण्डी,
सहित अन्य लोगो ने जिला पदाधिकारी से इस ओर ध्यान देने की गुहार लगाई है।

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