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बिरसा मुंडा की मनाई गयी जयंती,विद्यालय में अतिथि भोजन का हुआ आयोजन

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टेढ़ागाछ/किशनगंज/मनोज कुमार

टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा में शुक्रवार को आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर कई शैक्षणिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाध्यापक नासिर आलम ने मां सरस्वती और बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।

छात्र-छात्राओं को बिरसा मुंडा के जीवन और उनके आदिवासी समाज के उत्थान में किए गए योगदान के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का देश की आजादी के लिए दिया गया बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को खूंटी जिला के उलिहातु ग्राम में एक किसान परिवार में हुआ था।बचपन से अंग्रेजों का अत्याचार को देख भगवान बिरसा मुंडा के मन में अंग्रेजो के प्रति विद्रोह की भावना जगी।

जिससे अंग्रेजों के विरुद्ध जनजातीय विद्रोह उलगुलान प्रारंभ किया। जिसका नेतृत्व स्वयं भगवान बिरसा मुंडा कर रहे थे। साथ ही कहा कि जंगल जमीन की लड़ाई लड़ने वाले महान आदिवासी जन चेतना के लोकनायक भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य बलिदान को सच्चे मायने में कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान चित्रकला, निबंध, भाषण, कविता और गीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।सभी प्रतियोगिताओं का संचालन सराहनीय रहा। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षको में समन्वय बनाकर किया गया।

इस दौरान प्रधानाध्यापक नासिर आलम ,,वीरेंद्र कुमार पटेल, बीरजीश आलम, मोहम्मद नुरुल हक ,सुमि देवी, हिना रब्बानी, शाह आलम ,दिलीप कुमार बैठा, मुजफ्फर आलम, काशिफ अमीन, इफतखार आलम, अजीमुद्दीन, अबू हासनाथ, निसार आलम, शाकिब, समसुल कमर,उप सरपंच अनवर एव बच्चों के अभिभावक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि बुद्धिजीवी लोग व दर्जनों अभिभावक मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ हुई।कार्यक्रम के समापन के उपरांत अतिथि भोज का आयोजन किया गया।

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