किशनगंज /पोठिया/निशांत
चांद के दीदार के साथ ही बीते सोमवार से माहे रमजान का आगाज हो गया है।चांद के दीदार के साथ हीं एक महीने तक मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा रखेंगे।माहे रमजान के आगाज साथ रोजा नमाज और तरावीह का सिलसिला भी शुरू हो गया है।पोठिया प्रखंड समेत सभी पंचायतो के विभिन्न हिस्सों में रमजान को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।मस्जिदों में रंग रोगन एवं सफाई समेत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
रमजान की शुरुआत के साथ ही बाजारों में रोजा इफ्तार एवं इससे जुड़े अन्य सामग्री की बिक्री बढ़ गयी है। माहे रमजान के दौरान तरावीह की नमाज का विशेष महत्व है।तरावीह की नमाज पांच वक्त की नमाज से अलग होती है।वैसे अलग-अलग मस्जिदों में तरावीह की नमाज के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किया गया है।यह अवधि तीन से लेकर 27 दिनों तक हो सकती है।दरअसल तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में पूरी तैयारी की जाती है और इसे इमाम की देखरेख में संपन्न कराया जाता है। मस्जिदों में इसके लिए इमाम नियुक्ति किये गये हैं।रोजा को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है।रोजा रखने वाले रोजेदारों के लिए सेहरी एवं इफ्तार में उपयोग लाई जाने वाली सामग्री की बिक्री के साथ अन्य जरूरी चीजें बाजार से बाजार सज गयी हैं।
रोजेदार इस पाक महीना को यूं ही गवाना नहीं चाह रहे हैं और अधिक से अधिक दान धर्म कर पुण्य कमाना चाहते हैं।लोग इस महीने में पांचों वक्त की नमाज रोजा तरावी पाबंदी के साथ पढ़ते हैं तथा अल्लाह से सबों के लिए दुआ मांगते हैं।मस्जिद के इमाम के मुताबिक सभी महीनों में रमजान का महीना सबसे पाक माना जाता है। साल भर नमाज नहीं पढ़ने वाले लोग भी मस्जिदों में अता की जाने वाली तरावीह की नमाज सुनने जरूर पहुंचते हैं।इसमें कुरान की पाक आयतों को प्रस्तुत किया जाता है।