खोरीबाड़ी : मेडिकल छात्र अरविंद छेत्री युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे,परिजनों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

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खोरीबाड़ी /चंदन मंडल

सस्ती मेडिकल शिक्षा के लिए देश के सैंकड़ों युवा पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वहीं भारत से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए छात्रों के स्वजन के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है। अपने बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे हैं। बेटे की सकुशल वापसी की सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। जबकि छात्र स्वजन को समझा रहे हैं। की वह घबराएं नहीं हमलोग सकुशल हैं। यूक्रेन में  रूस के हमले से यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिंता बढ़ रही है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच वहां मेडिकल की पढ़ाई पढ़ने गए भारतीय विद्यार्थी फंस गए हैं। इससे भारतीय विद्यार्थियों के स्वजन परेशान हो गए हैं।

वीडियो काल कर उसकी कुशल-क्षेम भी पूछ रहे हैं। ईश्वर से सलामती की प्रार्थना भी कर रहे हैं। साथ ही सरकार से अपने बच्चों को यूक्रेन से वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं । जिसमें से खोरीबाड़ी प्रखंड के दूधगेट के एक परिवार है। खोरीबाड़ी प्रखंड के दूधगेट का रहने वाला मेडिकल का छात्र अरविंद छेत्री युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसा हुआ है।

वह एलवीआइवी नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में तीसरे वर्ष का छात्र है। अरविंद छेत्री 30 अगस्त 2021 को अपने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के लिए यूक्रेन गया था। लेकिन यूक्रेन में रूस के हमले से वह चिंतित हैं और वह अपने वतन लौटने की कोशिश कर रहे हैं।लेकिन अभी तक वह अपने वतन घर नहीं लौट पाए हैं। इधर यूक्रेन में बिगड़े हालात से उसका पूरा परिवार चिंता व दहशत में है। अरविंद क्षेत्री की मां ज्योति क्षेत्री ने बताया कि यूक्रेन से पोलैंड सीमा तक जाना संभव नहीं था। वह और कई छात्रों के साथ आ रहे थे ।

लेकिन पोलैंड सीमा में प्रवेश नहीं करने दी गई और यहां तक कि डॉग द्वारा पीछा किए जाने की घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप अरविंद सहित 8 और छात्रों को छात्रावास लौटना पड़ा। जिससे अरविंद की मां ज्योति छेत्री सहित उनके पूरे परिवार वाले चिंतित है । उन्होंने कहा फोन पर व्हाट्सएप कॉल से मेरे बेटे से बात हुआ था । अब उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा है। उन्होंने कहा अब बात होगी भी या नहीं पता नहीं है। उन्होंने सरकार से अपील है कि इस खतरनाक इलाके से लड़कों को हटाया जाए।

उन्होंने कहा मेरे बेटे अरविंद क्षेत्री से फोन पर बात करने पर वह मुझे समझा रहे हैं। मां घबराओं नहीं हम और मेरे साथ बांकी छात्र सकुशल और सुरक्षित हैं। ज्योति ने कहा सरकार दो विमान भेजने की व्यवस्था कर रही है, जो अच्छी बात है, लेकिन 18000 छात्र दो विमान पर कैसे आ सकते हैं। उन्होंने कहा मुझे लड़के का शरीर नहीं चाहिए, मुझे लड़के की जान चाहिए और बांकी सभी फंसे छात्रों की अपने वतन घर वापसी की सरकार से मांग की है।

खोरीबाड़ी : मेडिकल छात्र अरविंद छेत्री युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे,परिजनों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार