फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों की तत्परता से काबू पाया गया, आग लगने के कारणों की जांच जारी।
टेढ़ागाछ (किशनगंज) विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय स्थित मध्य विद्यालय के पीछे सोमवार की देर रात लगभग 11:30 बजे मुड़ी मिल में अचानक लगी भीषण आग से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग जब तक कुछ समझ पाते, देखते ही देखते आग ने पूरी मुड़ी मिल को अपनी चपेट में ले लिया।
धधकती लपटों और उठते धुएं के कारण आसपास के लोगों में दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत इसकी सूचना टेढ़ागाछ और फतेहपुर थाने को दी।
अग्निपीड़ित मुजफ्फर आलम, जो इस मुड़ी मिल को किराए के स्थान पर चला रहे थे, ने बताया कि वे अपने परिवार के जीविकोपार्जन के लिए मेहनत से यह व्यवसाय कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह मिल जमीन मालिक अजीमुद्दीन, पिता स्वर्गीय सगीरुद्दीन, ग्राम फुलवारी वार्ड संख्या 1 की जमीन पर संचालित थी।
मुजफ्फर आलम ने बताया कि मिल में चार क्विंटल चावल और लगभग 50 बोरी पैकिंग की हुई मुड़ी रखी हुई थी, जो पूरी तरह जलकर राख हो गई।
उन्होंने बताया कि आग लगने से न सिर्फ तैयार मुड़ी, बल्कि मिल के सभी यंत्र, पैकिंग मशीनें, इलेक्ट्रिक मोटर, तार, औजार आदि सब कुछ जलकर पूरी तरह नष्ट हो गए। आग इतनी भीषण थी कि लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही थीं।
आग की भयावहता को देखते हुए स्थानीय लोगों ने मिलकर पानी फेंकना शुरू किया और साथ ही दमकल विभाग को सूचना दी।
सूचना मिलते ही टेढ़ागाछ और फतेहपुर थाने से अग्निशमन दल मौके पर पहुंचा और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। अग्निशामक दल ने स्थानीय लोगों की मदद से रातभर कड़ी मेहनत कर आग को पूरी तरह बुझाया। हालांकि, तब तक मिल में रखा सारा सामान जलकर खाक हो चुका था। अनुमान के अनुसार, इस अग्निकांड में लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने भी मौके का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि फायर ब्रिगेड समय पर नहीं पहुंचती, तो आग आसपास के अन्य घरों और दुकानों में भी फैल सकती थी। इस घटना से क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल व्याप्त है।
फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट या किसी चिंगारी से यह आग लगी होगी, हालांकि प्रशासनिक स्तर पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पीड़ित मुजफ्फर आलम ने सरकार और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है ताकि वे दोबारा अपने जीवनयापन का साधन खड़ा कर सकें।
