40 प्रकार के वाद्य यंत्र बजाते है विमल देव राम
श्री लंका में शांति सेना सहित कारगिल युद्ध में दे चुके है अपनी सेवा ,देश भक्ति के धुन पिरो रहे है बच्चो में
कटिहार ही नहीं अपितु दूसरे जिलों से भी प्रशिक्षण प्राप्त करने आते है बच्चे बच्चियां
कटिहार /रितेश रंजन
कभी सरहद पर तैनाती के दौरान देश की सुरक्षा के लिए बंदूक और आधुनिक हथियार थाम चुके सेना के जवान विमल देव राम अब रिटायरमेंट के बाद संगीत और वाद्ययंत्र के प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं में देश प्रेम का धुन पिरो रहे हैं, कारगिल की जंग, श्रीलंका में शांति सेना सहित कई बड़े अवसर पर देश के लिए मोर्चा संभालने वाले विमल देव राम को पहले से ही संगीत के प्रति लगाव रहा है ।

उन्होंने कहा कि सेना में रहने के दौरान भी उन्होने अपने संगीत के शौक को जारी रखा था । 40 तरह के वाध यंत्र बजाने के जानकारी देते हुए विमल देव राम ने कहा कि अब सेना से रिटायर होने के बाद अपने आवास पर संगीत और वाद्य यंत्र बजाने की प्रशिक्षण केंद्र चला रहे हैं
बड़ी बात यह है इस प्रशिक्षण में उनकी पत्नी उषा देवी और घर के सभी लोग भी सहयोग करते हैं।विमल जी कहते हैं उनके संगीत और वाद्य यंत्र में देश प्रेम की धुन सबसे प्रमुखता में है,आज विमल देव राम के यहा दूर-दूर से संगीत के शौकीन प्रशिक्षण लेने आते हैं, पूरे इलाके में विमल देव राम की पहचान फौजी संगीतकार उर्फ सरजी के रूप में है।