बंगाल : कोरोना नियमो का पालन करते हुए होगा दुर्गापूजा का आयोजन,सीएम ने पूजा समितियों को 50 हजार रुपया देने का किया है ऐलान

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पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी दुर्गा पूजा पर लगी कोरोना की नजर

मुख्यमंत्री ने पंजीकृत पूजा समितियों को 50- 50 हजार रुपये का आर्थिक अनुदान देने की घोषणा

नक्सलबाड़ी/चंदन मंडल

हर वर्ष गांव से लेकर शहर तक धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है, लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना की नजर पहले के त्योहारों की तरह ही दुर्गा पूजा के आयोजन पर भी लग गई है। इसको देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा के आयोजन के लिए आवश्यक गाइड लाइन जारी कर दी है। इससे इतना तो तय है कि पूजा का आयोजन तो होगा, लेकिन रौनक काफी फीकी रहेगी। जबकि शहर में महीनों पहले ही पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। लोगों में उत्साह और उमंग का वातावरण चारों ओर दिखने लगता है । रथ उत्सव के बाद पूजा की तैयारियां शुरू हो जातीहै।

परंतु इस वर्ष ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। पूजा को लेकर किसी प्रकार की रौनक नहीं दिख रही है। हांलाकि पहले पूजा आयोजन को लेकर पूजा समितियों जिस असमंजस की स्थिति में थी,वह अब नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा के आयोजन को लेकर सरकारी गाइड लाइन जारी करने के साथ ही सभी पूजा कमेटियों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है।

उन्होंने दुर्गा पूजा के मद्देनजर सभी पंजीकृत पूजा समितियों को पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 50- 50 हजार रुपये का आर्थिक अनुदान देने की घोषणा की है। इसके साथ ही पिछले साल की तरह दुर्गा पूजा समितियों को बिजली बिल में भी 50 फीसद की छूट मिलेगी। इससे फिर लोगों में पूजा का भावना बनने लगा है।

वहीं राज्य सरकार के निर्देश अनुसार सभी जिलों के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षक एसपी – डीएम को दुर्गापूजा के पंडालों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके लिए मुख्य सचिव ने बीते बुधवार को सभी जिलों के डीएम व एसपी के साथ वर्चुअल एक बैठक की। बैठक में उन्होंने सभी जिलों के डीएम और एसपी को कहा कि कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से पिछले वर्ष पंडाल निर्माण के संबंध में जो गाइडलाइंस जारी की गई थी, इस वर्ष भी उसके अनुसार ही पूजा पंडाल का निर्माण की अनुमित दी गयी।

पूजा कमेटियों को दुर्गापूजा पंडालों को चारों ओर से खुला रखने को कहा गया है। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। पंडालों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन समेत मास्क और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करने को कहा गया है। इन दिशा-निर्देशों का शत फीसद पालन हो इसका ध्यान रखने को कहा गया है। इससे यह तय हो गया है कि पूजा तो अवश्य होगी लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसी विशेष प्रकार का आयोजन नहीं किया जाएगा, न ही किसी थीम को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाया जाएगा ।






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