नक्सलबाड़ी :पुलिस ट्रेनिंग सेंटर निर्माण से किसानों में आक्रोश व्याप्त , बीडीओ को सौंपा ज्ञापन

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खोरीबाड़ी /चंदन मंडल

राज्य सरकार द्वारा नक्सलबाड़ी प्रखंड अंतर्गत सूरजबोड़ स्थित 105 एकड़ जमीन पर गोर्खा रेजीमेंट व पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण करने की घोषणा से किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसान लगातार राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके लिए किसानों ने संयुक्त संगठन मां माटी कृषक बचाओ आंदोलन व मेची कृषि जमीन बचाओ कमिटी भी तैयार किया है।

इसी कड़ी में शुक्रवार को मेची कृषि जमीन बचाओ कमिटी की ओर से एक रैली निकालते हुए नक्सलबाड़ी बीडीओ कार्यालय पहुंच कर बीडीओ को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान सैकड़ों किसान मौजूद थे। इस संबंध में कृषक हरदेव मालिक , प्रह्लाद मालिक , राजकुमार राय , जतरु मालिक, शाहिद चौधरी , सुभाष लकड़ा, रंजीत मालिक, आदि ने बताया कि नक्सलबाड़ी बीडीओ को ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि कृषक किसी भी कीमत पर उक्त 105 एकड़ जमीन नहीं छोड़ेंगे और उक्त जमीन का जल्द से जल्द किसानों को पट्टा दी जाए, इसकी मांग की गई।






किसानों ने बताया उक्त जमीन पर करीब 60 साल से सभी कृषक खेती करते आ रहे हैं । पहले किसानों के पुर्वजों ने की और अब वे लोग कर रहे हैं। इसके बाद भी अब तक राज्य सरकार हम सब किसानों को जमीन का पट्टा न देकर यहां पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहती है। जबकि उक्त जमीन से 500 किसानों के परिवारों का रोजी रोटी चलता है । अगर सरकार यहां पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोलती है तो हम सभी किसान जीते जी मर जायेंगे ,क्योंकि हमलोग सभी उक्त 105 एकड़ जमीन पर ही निर्भर है।

किसानों ने बताया कि हमलोग उक्त जमीन पर शुरू से ही फसल उपजाते हैं । अबतक हमलोगों को जमीन का पट्टा नहीं दिया गया है। वहीं कुछ सालों से आये घुसपैठियों को रहने के लिए राज्य सरकार ने जमीन का पट्टा दे दिया है और हम सब किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। तभी तो राज्य सरकार हम सभी किसानों का हक का जमीन छीनकर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहती है। उन्होंने कहा सरकार पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोले या कुछ भी करें, लेकिन 105 एकड़ जमीन के पास की करीब 200 एकड़ से अधिक जमीन भूमि माफियाओं की है। इसके अलावा भी काफी परती जमीन यहां पड़ी हुई है। भूमि माफिया जानबूझकर किसानों की फसली जमीन को किसी तरह ट्रेनिंग सेंटर के रूप में तब्दील करने में लगे हुए हैं। जिससे उनकी जमीन आने वाले दिनों में ज्यादा कीमत मिल सके। किसानों का कहना है कि वह अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं लेने देंगे।






इसके लिए जिस स्तर तक का आदोलन करना होगा वे करेंगे। किसानों ने कहा राज्य सरकार भूमाफिया या खाली पड़ी हुई जमीन पर पुलिस ट्रेनिंग व गोरखा रेजीमेंट सेंटर खोलें । किसानों के हक की जमीन पर क्यों पुलिस ट्रेनिंग सेंटर व गोरखा रेजीमेंट खोलना चाहती है ? उन्होंने कहा राज्य सरकार उक्त जमीन पर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर न खोलकर हम सभी किसानों का उक्त जमीन का जल्द ही पट्टा दें अन्यथा जोरदार आंदोलन किया जाएगा।






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