किशनगंज(कोचाधामन) सरफराज आलम
अल्लाह की इबादत सच्चे मन से की जाती है इसके लिए कोई उम्रसीमा नहीं होती है।बस जज्बा मजबूत होनी चाहिए।यह कर दिखाया पांच साल की मनतसा नइम उर्फ हादिया ने। प्रखंड के मजगामा पंचायत के महियारपुर गांव निवासी डीलर मरहूम हाजी मु नईमुद्दीन की पोती व हाफिज वसी अख्तर की पांच साल की बेटी मनतसा नइम ने पहली बार रमजान का रोजा रखी।
वह रोजा रखकर पढ़ाई लिखाई करने के साथ साथ नमाज भी अदा की। मनतसा नइम इफ्तार के वक्त अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इफ्तार की और सुख शांति को लेकर दुआ की।पहला रोजा मुकम्मल करने पर मनतसा नइम को परिवार और गांव के लोगों ने गले से लगा कर मुबारकबाद पेश किया।
इस संबंध में मनतसा नइम ने कहा कि घर के लोगों को रोजा रखता देखकर मैंने भी रोजा रखी है। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता लड्डन ने कहा कि इस बच्ची का रोजा के प्रति बुलंद होंसला रोजा न रखने वालों के लिए एक सबक है।