देश /डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने आज बजट 2022 में कृषि क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों एवं सकारात्मक प्रभाव पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ये सुखद संयोग है कि 3 साल पहले आज ही के दिन पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गई थी। ये योजना आज देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। इसके तहत देश के 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने 2 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इस योजना में भी हम स्मार्टनेस का अनुभव कर सकते हैं।उन्होने कहा के सिर्फ एक क्लिक पर 10-12 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर होना, ये अपने-आप में किसी भी भारतीय को, किसी भी हिन्दुस्तानी के लिए गर्व करने वाली बात है।
पीएम मोदी ने कहा बीते 7 सालों में हमने बीज से बाज़ार तक ऐसी ही अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की हैं, पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। सिर्फ 6 सालों में कृषि बजट कई गुणा बढ़ा है। किसानों के लिए कृषि लोन में भी 7 सालों में ढाई गुणा की बढ़ोतरी की गई है।
उन्होने कहा कोरोना के मुश्किल काल में भी स्पेशल ड्राइव चलाकर हमने 3 करोड़ छोटे किसानों को KCC की सुविधा से जोड़ा है। इस सुविधा का विस्तार Animal Husbandry और Fisheries से जुड़े किसानों के लिए भी किया गया है। माइक्रो इरीगेशन का नेटवर्क जितना सशक्त हो रहा है, उससे भी छोटे किसानों को बहुत मदद मिल रही है।उन्होने कहा इन्हीं सभी प्रयासों के चलते हर साल किसान रिकॉर्ड प्रोडक्शन कर रहे हैं और MSP पर भी खरीद के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने के कारण आज organic products का मार्केट अब 11,000 करोड़ का हो चुका है। इसका एक्सपोर्ट भी 6 वर्षों में 2000 करोड़ से बढ़कर 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा इस वर्ष का एग्रीकल्चर बजट बीते सालों के इन्हीं प्रयासों को continue करता है, उनको विस्तार देता है। इस बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सात रास्ते सुझाए गए हैं ।आज दुनिया में हेल्थ अवेयरनेस बढ़ रही है। Environment Friendly Lifestyle के प्रति जागरूता बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसका मतलब ये है कि इसका मार्केट भी बढ़ रहा है। हम इससे जुड़ी जो चीजें हैं, जैसे नैचुरल फार्मिंग है, ऑर्गैनिक फार्मिंग है, इसकी मदद से इसके मार्केट को कैप्चर करने की कोशिश कर सकते हैं।
उन्होंने कहा नेचुरल फार्मिंग के फायदे जन-जन तक पहुंचाने में हमारे कृषि विज्ञान केंद्र और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज़ को पूरी ताकत से जुटना होगा। हमारे KVK’s एक-एक गांव गोद ले सकते हैं। हमारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी 100 या 500 किसानों को अगले एक साल में नेचुरल खेती की तरफ लाने का लक्ष्य रख सकती हैं।पीएम मोदी कहा ने किसानों से मिट्टी का टेस्ट करवाने की अपील की और कहा कि इससे कौन सी दवा एवं उर्वरक की जरूरत होगी पता चलेगा।
वहीं उन्होंने कहा Post-Harvest Management पर बीते 7 सालों में काफी काम हुआ है। केंद्र सरकार का ये निरंतर प्रयास रहा है कि प्रोसेस्ड फूड का दायरा बढ़े, हमारी क्वालिटी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की हो। इसके लिए किसान संपदा योजना के साथ ही PLI स्कीम महत्वपूर्ण है। इसमें वैल्यू चेन की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए 1 लाख करोड़ रुपए का विशेष एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है। आपने देखा है कि कुछ दिन पहले ही भारत ने UAE, गल्फ कंट्रीज के साथ, आबूधाबी के साथ कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। इसमें फूड प्रोसेसिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए भी कई अहम फैसले लिए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा Agri-Residue जिसे पराली भी कहते हैं, उसका Management किया जाना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं, जिससे कार्बन एमीशन भी कम होगा और किसानों को इनकम भी होगी। और ये हम सबको जो वैज्ञानिक, जो टेक्नोलॉजी के दिमाग के लोग हैं, कृषि जगत का एक भी waste बर्बाद नहीं होना चाहिए, हर waste का best में कनर्वजन होना चाहिए। हमें बारीकी से सोचना चाहिए, इसके लिए नई-नई चीजें लानी चाहिए।
पराली के मैनेजमेंट को लेकर हम जो भी समाधान ला रहे हैं, वो किसानों को, उनके लिए भी स्वीकार करना बड़ा आसान हो जाएगा, इस पर बातचीत होनी चाहिए। पोस्ट हार्वेस्टिंग वेस्ट हमारे यहां किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। अब उसको वेस्ट को बेस्ट में कनर्वट कर देंगे तो किसान भी सक्रिय रूप से हमारा साथी बन करके भागीदार बन जाएगा। ऐसे में लॉजिस्टिक्स और स्टोरेज की व्यवस्था को बढ़ावा, उसे विस्तार देते रहना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा सरकार इसमें काफी कुछ कर रही है लेकिन हमारा जो प्राइवेट सेक्टर है, उसे भी इस क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाना चाहिए। और मैं बैंकिंग सेक्टर को भी कहूंगा। बैंकिंग सेक्टर भी हमारे priority landing में इन सारी चीजों को कैसे बदले, टारगेट कैसे तय करे, इसका मॉनिटरिंग कैसे करे; अगर हम बैंकों के द्वारा इस क्षेत्र में धन मुहैया कराएंगे तो तो हमारे प्राइवेट सेक्टर के छोटे-छोटे लोग भी बहुत बड़ी मात्रा में इस क्षेत्र में आएंगे। मैं एग्रीकल्चर के क्षेत्र में मौजूद प्राइवेट प्लेयर्स से कहूंगा कि इसे भी वो अपनी प्राथमिकता में रखें।
पीएम मोदी ने कहा किसानों की आय बढ़ाना, खेती का खर्च कम करना, बीज से बाजार तक किसानों को आधुनिक सुविधाएं देना, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुझे विश्वास है, आपके सुझावों से सरकार के प्रयासों को, और हमारा किसान जो सपने देख करके कुछ करना चाहता है, उन सबको बल मिलेगा। और मुझे विश्वास है कि आज हम कृषि के एक नेक्स्ट जेनरेशन पर चर्चा करना चाहते हैं, परंपरागत पद्धतियों से बाहर आने के लिए सोचना चाहते हैं, बजट की लाइट में, बजट में जिन चीजों का प्रावधान किया गया है उसकी लाइट में हम अच्छा कैसे कर सकते हैं, और आपसे मेरा आग्रह यही है, इस सेमिनार में ये निकलना चाहिए।
उन्होंने कहा एक अप्रैल से ही नया बजट जिस दिन लागू होगा, उसी दिन हम चीजों को rollout कर दें, काम शुरू कर दें। अभी हमारे पास पूरा मार्च महीना है। बजट already संसद में रख दिया गया है। अब वो बजट ही हमारे सामने है। ऐसी स्थिति में हम समय न खराब करते हुए जून-जुलाई में हमारा किसान खेती का नया वर्ष प्रारंभ करे, उसके पहले इस मार्च महीने में सारी तैयारी कर लें, अप्रैल में हम किसानों तक चीजों को पहुंचाने का प्लान करें, उसमें हमारा कॉरपोरेट वर्ल्ड आएं, हमारा फाइनेंशन वर्ल्ड आएं, हमारे स्टार्टअप आएं, हमारे टेक्नोलॉजी के लोग आएं। हम भारत की आवश्यकताओं को जोकि कृषि प्रधान देश है, हमें एक कक्षु चीज बाहर से नहीं लानी चाहिए, देश की आवश्यकताओं के अनुसार हमें तैयार करना चाहिए।