बिहार :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा ,अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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पटना /संवाददाता

बिहार में बाढ़ से हालात खराब

गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी सीएम ने निगरानी का दिया निर्देश

राज्य में बाढ़ से लाखों लोग हैं प्रभावित

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया। उन्होंने पटना मुख्य नहर के दीघा लॉक तथा एल०सी०टी० घाट पर सुरक्षा दीवार का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान दीघा घाट, भद्रघाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट पहुंचकर गंगा के बढ़े हुए जलस्तर का भी मुआयना किया। जे०पी० सेतु पर रुककर गंगा की धारा का अवलोकन करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने जे०पी० सेतु होते हुए सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया। उन्होंने महात्मा गांधी सेतु पर रुककर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे जहां भी घनी आबादी है और वहां पानी का रिसाव हो रहा है तो उसे बंद करने का उपाय करायें गंगा नदी के जिन घाटों पर ज्यादा पानी आ गया है, वहां पर बैरिकेडिंग करायें।






निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस, पटना प्रमंडल के आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेन्द्र शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

निरीक्षण के उपरांत गांधी घाट पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है तथा इसके जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की गई है। कल गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हमने बैठक की थी। उस बैठक में जलस्तर को लेकर पूरी जानकारी दी गई। आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जब गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी, उस दौरान गंगा नदी के किनारे वाले 12 जिलों में बाढ़ से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वर्ष 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार भी पूरी तैयारी रखें।






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