किशनगंज :आजादी के सात दशक बाद भी रेतुआ नदी पर नहीं बना पुल,जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने पर मजबुर ग्रामीण

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किशनगंज /विजय कुमार साह

सरकारें बदलीं, नेता बदले लेकिन इलाके की तस्वीर नहीं बदल पाई। आज भी रेतुआ नदी के सुहिया हाट स्थित घाट पर एक अदद पुल के लिए लोग तरस रहे हैं। जिस कारण आधे दर्जन पंचायत के हजारों की आबादी के लिए बरसात के समय जान जोखिम में डालकर आवागमन करना मजबूरी है। लोग छोटी नाव के सहारे नदी पार करने को विवश हैं जबकि इस घाट पर कई दफे नाव पलटने व किसान गणेश पासवान का विगत वर्ष 2020 में मक्के को नाव के सहारे नदी पार करने के दौरान की घटना भी घट चुकी है। सारा मक्का रेतुआ नदी की तेज धारा में बह गई।






ग्रामीणों ने बताया कि विधायक, सांसद से लेकर जिला पदाधिकारी तक से पुल के लिए गुहार लगा चुके हैं। परंतु आज तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किया जा सका। चिल्हनियाँ पंचायत के सरपंच दीप लाल मांझी, मुखिया कल्पना देवी, उप मुखिया आनंद ठाकुर , योगी साहनी, डाकपोखर पंचायत के मुखिया गुड़िया गिरी, हवाकोल पंचायत के मुखिया सत्यनारायण साह्, बैगना पंचायत के मुखिया एजाज हसन, सूर्य नारायण सिंह, जगदीश प्रसाद सिंह, गंगा प्रसाद राम सहित अन्य लोगों ने बताया कि हर दफा चुनाव के समय नेताजी पुल निर्माण कराने का वादा तो करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद सारे वादे को कौन याद रखता है। ग्रामीणों ने प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि के प्रति नाराजगी जाहिर की है।






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