राज्य में लूट अवैध शराब का व्यापार बना बेरोजगारों के लिए रोजगार का धंधा

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रामजी प्रसाद की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री 16 नवंबर को शराबबंदी पर एक ओर मैराथन समीक्षा बैठक कर रहे थे वहीं दूसरी ओर अवैध व्यापार करने वाले कारोबारी बड़ी लूट और अवैध शराब का निर्माण और तस्करी करते हुए सरकार का मुंह चिढ़ा रहे थे ।

पटना में जहा अपराधियों ने व्यापारी से ₹45 लाख नगद की लूट की घटना को अंजाम दिया ।वहीं नवादा में रजौली समेकित जांच चौकी पर भारी मात्रा में शराब लाते हुए कारोबारी की गिरफ्तारी और अवैध शराब निर्माण कर रहे 7 भट्ठियों को पकड़ा जाना इसका ज्वलंत उदाहरण है।




वहीं आज भी उत्पाद विभाग की टीम ने नवादा जिला के अकबरपुर थाना के लोसिंघना गांव के निकट के जंगल से अवैध शराब निर्माण की भट्ठी को पकड़ा एवं 26 00 लीटर जावा महुआ को नष्ट किया साथ ही निर्मित शराब को बरामद किया गया। जब तक शहरों से लेकर गांव तक बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार, अफसरशाही और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में व्याप्त मनमानी बनी रहेगी तब तक अपराध और अपराधी अवैध धंधों के कारोबारी सरकार के निर्णयों का मखौल इसी तरह उड़ाते रहेंगे।

नोटबंदी ,कोरोना की मार के चलते बंद हो चुके कल कारखाने , बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बंद हो जाने एवं बिहार में बालू का उठाव बंद कर दिए जाने ,गांवों में मनरेगा मैं रोजगार उपलब्ध नहीं कराए जाने ,अधिकारियों और कर्मचारियों में व्याप्त मनमानी और भ्रष्टाचार के कारण अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार द्वारा शराबबंदी किए जाने की जितनी तारीफ की जाए कम है यह सरकार का प्रशंसनीय कार्य है।लेकिन बढ़ती बेरोजगारी और व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी ध्यान देने की जरूरत है तभी शराब बंदी कानून जमीन पर लागू हो सकेगा।




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