राजेश दुबे
हिंदुस्तान के जाबांज सैनिकों द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक पर हुए नए खुलासे के बाद सबूत गैंग की पोल खुल चुकी है । 26 फरवरी 2019 को भारतीय सैनिकों द्वारा बालाकोट में स्थित आतंकियों के अड्डे पर एयर स्ट्राइक की गई थी ।जिसके बाद भारत की विपक्षी पार्टियों ने एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगना शुरू कर दिया था ।विपक्षी पार्टी के नेताओं सहित कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने लगातार मीडिया में आकर ना सिर्फ सैनिकों के मनोबल को तोड़ने का कार्य किया, बल्कि भारत सरकार के खिलाफ भी बयान देकर विश्व समुदाय के समक्ष सरकार की छवि को बिगाड़ने की कोशिश की थी ।
जिसका फायदा पाकिस्तान ने बखूबी उठाया ।अब पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली द्वारा किए गए स्वीकारोक्ति कि भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में 300 आतंकी मारे गए थे से ना सिर्फ पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है ,बल्कि पाक परस्त उन राजनैतिक दलों एवं तथाकथित बुद्धिजीवियों की भी पोल पूरे देश में खुल चुकी है ।जो लगातार सबूत मांग रहे थे । आगा हिलाली ने कहा, “भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करके युद्ध जैसी कार्रवाई की थी, जिसमें कम से कम 300 लोग मारे गए। हमारा लक्ष्य अलग था। हमने उनके हाई कमांड को निशाना बनाया था। हमारे द्वारा उन्हें निशाना बनाना जायज था क्योंकि वे सेना के लोग हैं। इसे हम अवचेतन मन से स्वीकार करते हैं कि इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ। अब हमने उनसे कहा है कि, वे चाहे जो भी करेंगे लेकिन हम केवल इतना ही करेंगे और इससे आगे नहीं बढ़ेंगे।’
हालाकि आगा हिलाली पहले वो सख्स नहीं है जिन्होंने इस बात को स्वीकार किया है ।बल्कि इससे पूर्व भी पाकिस्तानी सांसद और अन्य नेताओं ने भारत सरकार द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक को स्वीकार किया था ।साथ ही यह उस वक्त भी साबित हो गया था जब पाकिस्तान ने आक्रमण के भय से वायु सेना के विंग कमांडर अभिनन्दन को बिना शर्त छोड़ा था ।
पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) के एक सांसद अयाज़ सादिक़ ने संसद में बयान दिया था कि भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने रिहा करने का फ़ैसला डर कर किया था और जब यह फैसला लिया जा रहा था तब विदेश मंत्री के पैर कांप रहे थे ।अयाज़ सादिक़ ने कहा था कि जिस बैठक में विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने की बात हुई थी उसमें प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को ख़ुद आना था, लेकिन वो नहीं आए।बैठक में विपक्षी नेताओं के अलावा विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी और सेना प्रमुख मौजूद थे ।अयाज़ सादिक़ के मुताबिक़ विदेश मंत्री जब यह कह रहे थे, उस समय उनके पैर काँप रहे थे और उनके माथे पर पसीना था।जाहिर है कि अगर पाकिस्तान का कोई सांसद इस तरह का बयान दे रहा था तो वो ऐसे ही नहीं दे रहा था ।यही नहीं भारतीय सेना द्वारा एयर स्ट्राइक का वीडियो भी जारी किया गया था ।
केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से संबंध सुधारने की भरपूर कोशिश की थी ।लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों ने लगातार हिंदुस्तान की दोस्ती का बेजा इस्तेमाल किया और दोस्ती की आड़ में आतंकियों को भेज कर उरी ,पुलवामा सहित कई आतंकी हमले किए गए और आज भी आतंकी लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और मारे जा रहे। पुलवामा आतंकी हमला 2019 के 14 फरवरी को उस वक्त अंजाम दिया गया जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सैनिकों का काफिला गुजर रहा था।
सैनिकों के काफिले में हुए धमाके की वजह से भारत के 40 जवान शहीद हो गए । जवानों के शहादत के बाद पूरा देश आक्रोशित था लेकिन विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही थी कि बीजेपी द्वारा चुनावी फायदे के लिए अपने ही सैनिकों को मार डाला गया ।राजनीति प्रतिद्वंदिता और मोदी विरोध में विपक्षी पार्टियों के नेता इतने नीचे गिर गए कि इन लोगो के द्वारा पाकिस्तान के सुर में सुर मिला कर बयानबाजी की गई ।
जिसका फायदा पाकिस्तान ने बखूबी उठाया और विश्व समुदाय के सामने एयर स्ट्राइक की बात को नकार दिया । यहां तक की विदेशी पत्रकारों को भी पाकिस्तान ने बरगलाने का कार्य किया और जिस स्थान पर एयर स्ट्राइक की गई थी वहां ना ले जा कर दूसरे स्थान को दिखाया ।बीबीसी जैसी मीडिया हाउस ने भी पाकिस्तान परस्ती साबित की और एयर स्ट्राइक के एक साल बाद भी उसने बालाकोट एयर स्ट्राइक,”वो सवाल जो आज तक अनुत्तरित रहे” हेडिंग के साथ लेख छापती रही है ।सरकार पर लग रहे आरोप से देश की राष्ट्रवादी जनता किमकर्तव्य विमुढ़ वाली स्थिति में थी ।सबूत गैंग के लोगो द्वारा हर मोर्चे पर सरकार को घेरने की कोशिश हुई और सरकार ने भी अलग अलग मंचो पर सबूत गैंग को जबाव दिया ।सवाल उठता है कि अब एयर स्ट्राइक पर हो रहे अलग-अलग खुलासे के बाद देश की विपक्षी पार्टियां ,तथाकथित बुद्धिजीवी एवं प्रोपेगेंडा पत्रकार देश से माफी मांगेंगे ,जिन्होंने हमारे सैनिकों की वीरता पर सवाल खड़ा किया था ।
सरकार अगर कोई ग़लत कदम उठाती है तो विपक्षी पार्टियों को अधिकार है कि वो सरकार को आईना दिखाए, लेकिन जब बात देशहित और सैनिकों के सम्मान से जुड़ी हो तो सभी देशवासियों को एकजुट हो जाना चाहिए और राजनैतिक विरोध त्याग कर चुनी हुई सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चलना चाहिए ,यही नीति कहती है ना कि हर मामले में विरोध करना चाहिए तभी आपकी सार्थकता और स्वीकार्यता बरकरार रहेगी वरना शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी जैसा की अब हो रहा है ।