किशनगंज उत्पाद अधीक्षक पर लगा कामवाली से दुष्कर्म के प्रयास और मारपीट करने का आरोप,कोर्ट में परिवाद दायर

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मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद और झूठा है : उत्पाद अधीक्षक

संवाददाता/ किशनगंज

किशनगंज उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद पर घर में काम करने वाली महिला ने दुष्कर्म करने की कोशिश व मारपीट का आरोप लगया है। मामले को लेकर पीड़िता ने किशनगंज न्यायालय में उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ परिवाद दायर किया है। हालांकि उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वहीं न्यायालय में दायर परिवाद के अनुसार पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि उत्पाद अधीक्षक के सरकारी आवास सहित कई घर में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। इसी दौरान विभाग के एक सिपाही के जरिए वो उत्पाद अधीक्षक के आवास पर काम करने पहुंची थी

इस दरमियान उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि तुम सभी घरों में काम कर कितना कमा लेती हो, जिस पर पीड़िता ने कहा कि लगभग 25 हजार रूपये कमा लेती हूं। इस दौरान पीड़िता को उत्पाद अधीक्षक ने कहा कि तुम सभी जगह काम करना छोड़ दो और यहीं काम करो, हम तुमको 26 हजार से अधिक रूपये देंगे। जिस पर पीड़िता राजी हो गई और वहां काम करने लगी।

दो माह बितने पर मुझे महीने का पैसा नहीं मिला तब मैंने उनसे पैसे के बारे में कहा तब श्री देवेन्द्र कुमार ने मुझसे कहा कि हमलोग का भी तनखाह दो तीन महीने का एक साथ आता है इस बार दो महीने का एक साथ दे देंगे और उन्होने यहीं किया। दो महीने का पैसा एक साथ करके दिया करते थे कभी कभी तीन महीने का भी एक साथ दिया करते थे।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि तीन चार महीने बीत जाने के बाद अचानक से देवेन्द्र कुमार की नियत मुझपर खराब होने लगी और मेरे साथ आए दिन वह अश्लील हरकत करने लगते थे परन्तु इतने बड़े पद पर थे और साथ में उनके ढेर सारा सिपाही दरोगा रहता था। जिस वजह से में गरीब असहाय होने के कारण कुछ नही बोल पाती थी और इनकी नियत शुरू से ही खराब थी।पीड़िता ने कहा कि हमेशा मेरा पैसा ऑनलाईन के माध्यम से दिया करते थे ताकि भविष्य में इसको सबुत के तौर पर इसका गलत इस्तेमल कर सके।

नियत बद से बदत्तर खराब होती गई और कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किए पर किसी तरह से मैं अपनी आबरू बचा पाई, परन्तु गरीब और असहाय होने के कारण डर के मारे इनके यहां काम करती रही ।लेकिन उत्पाद अधीक्षक की हरकत में कोई सुधार नहीं हुआ और मुझे लगातार व्हॉटसप पर वीडियो कॉलिंग करना अश्लील हरकत करना जारी रहा। इसके अलावा कई अश्लील फोटो पीड़िता को भेज कर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उत्पाद अधीक्षक के द्वारा मुझसे सादे कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया गया और भय दिखा कर वीडियों भी बनवा लिया गया।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब सारे हथकंडे अपना कर उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद थक गया तो उन्होंने मुझ पर 12 लाख रूपये ऑनलाइन चोरी कर लेने का आरोप लगा कर प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया।जिसके बाद वो भी न्याय के लिए न्यायालय के शरण में पहुंची है ।पीड़िता ने कहा कि उसे न्याय चाहिए ।पीड़िता के अधिवक्ता समीर कुमार दुबे ने कहा कि कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है और गुरुवार को पीड़िता का बयान दर्ज किया जाएगा ।

उन्होंने कहा कि मामला काफी संगीन है और उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय से पीड़िता को जरूर न्याय मिलेगा।जबकि पूरे मामले पर उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि नौकरी ने उनके यूपीआई खाते से 12 लाख रुपया चुराया है जिसकी शिकायत उन्होंने थाने में की है।जिसके बाद इस तरह का झूठा आरोप उनपर लगाया गया है।

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