किशनगंज/प्रतिनिधि
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय सुमित कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को 17 वर्ष पूर्व के हत्या के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय सुमित कुमार सिंह की अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।17 वर्ष पूर्व 29 अक्टूबर 2006 को हुई एक हत्या के मामले में सजा सुनाई गई।
इस मामले में आरोपी अब्दुल कलाम (53 वर्ष) और मोहम्मद मुबारक (38 वर्ष) निवासी संजय गांधी हाई स्कूल टोला, दिघलबैंक को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।17 वर्ष पूर्व वर्ष 2006 में दिघलबैंक थाने में कांड संख्या 76 /2006 के तहत दोनों आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।इसी मामले में अदालत में सुनवाई चल रही थी।अदालत में सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक प्रणव कुमार ने जोरदार दलीलें पेश की।
अपर लोक अभियोजक ने आठ साक्षियों के साक्ष्य न्यायालय में करवाए।इस मामले में आरोप यह था की सूचक अब्दूल बिलाल का साला मुबारक हुसैन को दोनों आरोपियों ने कुदाल से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घायल मुबारक हुसैन को इलाज के लिए सिलीगुड़ी ले जाया गया था।
लेकिन उपचार के दौरान मुबारक हुसैन की मृत्यु हो गई थी।गवाहों के बयान को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने दोनों आरोपियों को भा.द.वि. की धारा 302 के तहत हत्या का दोषी ठहराया। न्यायालय ने इस गंभीर अपराध के लिए दोनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।