अररिया /बिपुल विश्वास
सीमांचल के समग्र विकास और दलितों,मुस्लिमों और महिलाओं और आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी -लेनिनवादी) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने फारबिसगंज से शनिवार को अपनी पदयात्रा शुरू की।बदलो बिहार के दूसरे चरण में दीपांकर भट्टाचार्य ने विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की धरती फारबिसगंज से नक्षत्र मालाकार की पूर्णिया की धरती तक इस यात्रा की शुरुआत की।
शनिवार को शुरू हुआ पदयात्रा का कारवां पूर्णिया में 5 फरवरी को पहुंचेगा,जहां बदलो बिहार समागम कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।पूर्णिया में 5 फरवरी और भागलपुर में 6 फरवरी को इसकी शुरुआत होगी।
फारबिसगंज स्टेशन से अपनी पदयात्रा की शुरुआत के क्रम में भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी यह यात्रा सीमांचल में भाजपाई उन्माद-उत्पात की साजिश को नाकाम करने के लिए है।
उन्होंने कहा कि आज देश में गरीबी,बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है। केंद्र की सरकार मुट्ठी भर पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है और उसे अमीर बनाने में लगी है। उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे पिछड़ा इलाका सीमांचल है और सबसे ज्यादा गरीबी, बेरोजगारी, पलायन इन इलाके में है। लेकिन भाजपा और उनके नेता इन मुद्दों के बजाय उन्माद और उत्पात का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में पटना से नवादा तक पदयात्रा की गई थी और दूसरे चरण में फारबिसगंज से पूर्णिया तक की यह पदयात्रा कार्यक्रम है। यह पदयात्रा कार्यक्रम बिहार में चल रहे विभिन्न संगठनों के आंदोलन को द्रुत गति प्रदान करने के लिए है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को दीपांकर भट्टाचार्य ने आतंक यात्रा, दमन यात्रा, सत्ता के अहंकार वाली यात्रा की संज्ञा दी।उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन नहीं डबल अत्याचार की सरकार है, जिसके लिए आंदोलन को डबल करने की जरूरत है।