किशनगंज में राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव दानिश इकबाल ने प्रेस वार्ता कर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही और मजलिस पर जमकर निशाना साधा।
दानिश इकबाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है। उनकी पहली कोशिश है कि बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बने और वे मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने बताया कि राजद के लिए काफी समय से मेहनत चल रही थी और उन्होंने राजद को लेकर अपनी दावेदारी भी सौंपी थी।
हालांकि, किशनगंज सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। उन्होंने याद दिलाया कि यह सीट पहले राजद के पास ही थी, मरहूम तस्लीम उद्दीन साहब के हारने के बाद यह कांग्रेस को मिली।
इकबाल ने स्पष्ट किया कि जिसे भी टिकट मिलेगा, वे सभी मिलकर महागठबंधन के लिए लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह सीट राजद के पास आती और उन्हें या किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट मिलता, तो सभी का मनोबल बढ़ता। पार्टी द्वारा सीट के लिए सर्वे किस आधार पर होता है, यह भी उनकी समझ से परे है।
AIMIM पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि AIMIM गठबंधन में नहीं है, जबकि राजद गठबंधन में है और यह पार्टी सबको साथ लेकर चल रही है। तेज प्रताप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि राजद ऐसी पार्टी है जो गलती करने वाले को सजा देती है, चाहे वह तेजस्वी यादव का भाई हो या कोई कार्यकर्ता।
AIMIM के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान पर दानिश ने कहा कि गठबंधन में शामिल होने के लिए ढोल-नगाड़े के साथ यह सब नाटक करने की क्या जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवैसी साहब ने एक बार भी मिलने की कोशिश नहीं की, सिर्फ चिट्ठी लिख रहे हैं।
इकबाल ने कहा कि AIMIM ने पांच सीटें जीतीं, लेकिन उन्हें संभाल नहीं पाए। उनका जनाधार नहीं है। ओवैसी साहब केवल वहीं चुनाव लड़ते हैं जहां मुसलमानों की आबादी ज्यादा है।
उन्होंने AIMIM के उन आरोपों का भी खंडन किया कि राजद ने उनके विधायक खरीदे हैं। इकबाल ने कहा कि इन सभी विधायकों को पैसे की कमी नहीं है, सभी का अपना इतिहास रहा है और वे सभी अपनी मर्जी से राजद में आए हैं। उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी का सम्मान करने की बात कही, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को ‘बदतमीज और बेढ़ंगा’ बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मुसलमान नहीं हो सकते, क्योंकि मुसलमान की जुबान कभी गंदी नहीं होती और वह कभी किसी को ‘काफिर’ या ‘फिरौन’ नहीं कहता।
