श्रद्धा एवं भक्ति के साथ की गई भगवान विश्वकर्मा की पूजा

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भारत नेपाल सीमा से सटे गलगलिया सहित पश्चिम बंगाल के लोगों ने पूरे धूमधाम से सृष्टि के प्रथम शिल्पकार की पूजा की

गलगलिया/दिलशाद

गलगलिया में बुधवार को सभी धर्म के लोगों ने भगवान सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया। देवशिल्पिन महाभाग देवानां कार्यसाधक, विश्वकर्मन नमस्तु सर्वाभीष्टप्रदायक..अर्थात हे देवताओं के शिल्पकार महामहिम विश्वकर्मा जी, आप देवों का कार्यसिद्ध करते हैं।

आपको नमस्कार..ऐसे ही मंत्रोच्चार के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे भारत-नेपाल सीमा से सटे गलगलिया सहित पश्चिम बंगाल के देवीगंज, चक्कर मारी में धूमधाम से हुई। 

सभी धर्मों संप्रदायों के लोग इसे मानते हैं। सिर्फ विश्वकर्मा पूजा ही है जहां सारे धर्मों के भेद भाव मिट जाते हैं।  लोगों ने जगह-जगह पंडाल स्थापित कर पूजा अर्चना की गलगलिया  में निजी वाहन के साथ-साथ ट्रक एसोसिशन, आटो रिक्शा एसोसिएशन ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा प्रतिमा स्थापित की। पंडालों में मंत्रोच्चारण के साथ हवन आदि हुए। इसके इर्दगिर्द भक्ति गीत के साथ फिल्मी गीतों पर लोग झूमते नजर आए।

कल कारखानों, रेलवे, विद्युत विभाग, स्टोन क्रशर उद्योग, प्रिटिग प्रेस, के साथ-साथ तकनीकी कार्य करने वाली मशीनों और औजारों वाले प्रतिष्ठनों में पूजा अर्चना की गई। विश्वकर्मा पूजा में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के अलावा अन्य धर्म जाति के लोग बिना भेदभाव के भगवान विश्वकर्मा को अपना मानते हैं।

लोग शिल्प गुरु मानकर इन्हें नमन करते हैं। आदर्श के रूप में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. बंगाल के देवीगंज  के विभिन्न इलाकों में लोगों ने अपने-अपने वाहनों की साफ-सफाई के बाद पूजा-अर्चना की और पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण फूल-माला एवं गुब्बारों से वाहनों को सजाया गया था।

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