नदी के गर्भ में देखते ही देखते समा गया हवाकोल उत्क्रमित मध्य विद्यालय,ग्रामीण मायूस

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

टेढ़ागाछ /किशनगंज /विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हवाकोल पंचायत स्थित मध्य विद्यालय हवाकोल व आंगनवाडी केंद्र गुरुवार को रेतुआ नदी में विलीन हो गया। विद्यालय के विलीन होने से शिक्षक, छात्र, एवं अभिभावक सभी दुखी हैं।उनका ज्ञान का मंदिर उनके आँखों के सामने हीं धाराशाई हो गया और कोई कुछ नहीं कर सका। स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय को बचाने के लिए विगत दो वर्षों से जद्दोजहद कर रहे थे।

जिलाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों के आगे गुहार लगाते रहे। आखिरकार रेतुआ नदी के आगोश मध्य विद्यालय समा हीं गया। कोई विद्यालय को नहीं बचा सका जिससे स्थानीय ग्रामीण चिंतित हैं। जमीन दाता कृष्ण प्रसाद मंडल का कहना है कि मैं अपनी लाखों रुपए की जमीन विद्यालय को दान में दिया था कि हमारे समाज के बच्चे शिक्षित होंगे। लेकिन मेरे अरमानों पर पानी फिर गया। मुझे अफसोस के साथ दुखी मन से कहना पड़ता है कि प्रशासन एवं आपदा विभाग के नाकामी की वजह से यह विद्यालय रेतुआ नदी की भेंट चढ़ गया है।जल निस्सरण विभाग द्वारा जो कटाव रोधी कार्य अंत समय में किया जा रहा था।

वह केवल खानापूर्ति भर था। अगर पूर्व से ईमानदारी पूर्वक विद्यालय को बचाने का कार्य किया गया होता तो आज विद्यालय हम लोगों के बीच में शिक्षा का अलख जगा रहा होता। जिस विद्यालय से हमारे पदाधिकारी पढ़कर निकलते हैं, आज उसी विद्यालय को रेतुआ नदी में विलीन होने के लिए छोड़ दिए। आश्चर्य की बात है। हमारे क्षेत्र के विधायक व सांसद ने तो यहां आना भी उचित नहीं समझा मानो बस उन्हें विद्यालय कटने का इंतजार था। हवाकोल मध्य विद्यालय के कटाव के बाद अब आंगनबाड़ी केंद्र,जलमीनार एवं हवाकोल गांव रेतुआ नदी के कटाव के जद में है ।जिसे बचाने के लिए आज तक प्रशासन के तरफ से कोई ठोस और कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। जो चिंता का विषय है।

नदी के गर्भ में देखते ही देखते समा गया हवाकोल उत्क्रमित मध्य विद्यालय,ग्रामीण मायूस