यज्ञ एवं दिव्य संस्कार महोत्सव का हुआ आयोजन,वरिष्ट प्रज्ञा पुत्र श्यामानंद झा ने कहा ,”भारत का धर्म आध्यात्मिकता है”

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किशनगंज /प्रतिनिधि 

अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा गृहेगृहे गायत्री यज्ञ कार्यक्रम के अंतर्गत कोचाधामन में हरिश्चंद्र जी की टोली द्वारा यज्ञ एवं दिव्य संस्कार महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण एवं गायत्री परिवार के परिजन मौजूद थे ।

 संस्कार महोत्सव में यशवंत सिंह पिता श्री हरिश्चंद्र सिंह ग्राम हरी भाषा कोचाधामन किशनगंज एवं कन्या दिव्या भारती पिता श्री रहीम चरण सिंह ग्राम कदम टोला का आदर्श पाणिग्रहण संस्कार भी सानंद कराया गया। गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र श्यामानंद झा ने दांपत्य जीवन को एवं उनके माता-पिता को अंग वस्त्र एवं सद् ग्रंथ प्रदान कर सम्मानित भी किया। वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र सेवानिवृत प्रधानाध्यापक राष्ट्रपति पुरस्कार सहित यूएन एड्स सिविल सोसाइटी अवार्ड के साथ 13 पुरस्कारों से सम्मानित आमंत्रित अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि संस्कारों की परंपरा भारतीय संस्कृति की धरोहर रही है। 

भारत का धर्म आध्यात्मिकता है। हमारी संस्कृति आत्मा से परिभाषित होती है। युज्यते अनेना योग: अर्थात योग वह है जो अनेकों में एकता पैदा कर दे। दांपत्य जीवन के प्रति संकल्प करते हुए उन्होंने कहा विवाह दो आत्माओं का आध्यात्मिक मधुर मिलन है जो परस्पर अपने पारिवारिक सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्व का आदर्श के साथ निर्वहन कर सके। भारतीय वैदिक परंपरा ने त्याग और सेवा की प्रधानता दी है। आगे संबोधित करते हुए कहा जिनके जीवन में अध्यात्म है वह कभी नहीं हारते। सफलता मिली तो जीत गए और असफलता मिली तो सीख गए।

अभी-अभी एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए श्री झा ने गंभीरता पूर्वक कहा गायत्री परिवार ऐसे होते हैं। 20 वर्षों से समर्पित कार्यकर्ता उमेश चंद्र सिंह चंदवार किशनगंज पूर्णिया सीमा पर अवस्थित निवासी को अनगढ़हाट में रोड पर पड़ा ₹100 का नोट मिला। उन्होंने तमाम संपर्क में आने वाले से एक सप्ताह तक जिक्र किया लेकिन किसी ने नहीं बताया। अंत में श्री झा के पास आकर जिक्र किया कि आदरणीय जी! इस नोट का क्या किया जाए? श्री झा ने कहा इसमें कुछ और राशि मिलाकर अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार मुख्य केंद्र को समर्पित कर दिया जाए ताकि इसका सदुपयोग हो जाए। तत्पश्चात 405 रुपए और मिलाकर कुल ₹505 रुपए श्री झा ने शांतिकुंज को समर्पित कर दिया और कहा ऐसे होते हैं गायत्री परिवार इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में हरिश्चंद्र सिंह तारा देवी वीणा देवी ब्रह्मदेव यादव साबूबूलाल सिंह रघुनाथ सिंह दिव्या सिंह यसवंत सिंह सत्यनारायण पंडित बलराम सिंह ठाकुर अर्जुन पोद्दार अधिवक्ता कमलेश प्रसाद सिप्टी सिंह आदि की भूमिकाअहम रही।

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