ठाकुरगंज के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरगौरी नाथ मंदिर को शिव मंदिर सर्किट में शामिल करने को लेकर गोपाल अग्रवाल ने बिहार के पर्यटन मंत्री को लिखा पत्र

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

किशनगंज /रणविजय


भारत नेपाल एवम पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे और महानंदा नदी से अस्सी फीट  ऊंचे स्थान पर अवस्थित ठाकुरगंज नगर के ख्याति प्राप्त ऐतिहासिक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा हरगौरी नाथ मंदिर को पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिव मंदिर सर्किट में शामिल करने को लेकर पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने राज्य के पर्यटन विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा को पत्र लिखकर अनुरोध किया है. ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने अपने पत्र में इन बातों का उल्लेख किया है कि नगर में स्थापित बाबा हरगौरी नाथ मंदिर की प्रतिमा स्वयंभू शिवलिंग है ।

जिसके एक तरफ मां पार्वती विराजमान है. सन 1880 ईo से पूर्व यह स्थान कानपुर के नाम से जाना जाता था. किंतु सन 1880 ईo में कविगुरु रविंद्र नाथ टैगोर के वंशज ज्योतिंद्र मोहन ठाकुर ने इस स्टेट को खरीदा था तबसे यह स्थान ठाकुरगंज के नाम से प्रसिद्ध है. सन 1897 ईo में ठाकुर परिवार के द्वारा पूर्वोत्तर कोण में पांडव काल भग्नावेश की खुदाई कराई जा रही थी तब बांस के झाड़ के बीच जमीन के अंदर से इस शिवलिंग के साथ कई शिवलिंग दिखाई पड़े.

शिवलिंग को टैगोर परिवार कोलकाता स्थित अपने स्टेट में स्थापित करना चाहते थें किंतु स्वपन में शिवलिंग को इसी स्थान में स्थापित करने का आदेश प्राप्त हुआ, जिसके बाद शिवलिंग को इसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया. मंदिर में लगे प्लेट से भी यह स्पष्ट प्रमाणित है कि ठाकुर परिवार के द्वारा नियुक्त पुरोहित भोलानाथ गांगुली की  चौथी पीढ़ी आज भी मंदिर के पूजापाठ में कार्यरत है.

महाभारत कालीन समय में पांडवों का यह क्षेत्र अज्ञातवास रहा था यहां किचक वध जहां भीम ने कीचक का वध किया था तथा भातढाला पोखर के अलावे समय समय पर खुदाई के दौरान महाभारत कालीन अवशेष भी यहां प्राप्त होते रहे हैं. विधायक श्री अग्रवाल ने पत्र में यह उल्लेख किया है कि पूर्वजों से सुना गया है कि हस्तिनापुर में जब कौरवों ने पांडवों को सुई की नोंक बराबर जमीन नही देने का फैसला किया तब पांडवों से श्री कृष्ण ने महाभारत के संभावित युद्ध को देखते हुए विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से अज्ञातवास में रहकर अर्धनारीश्वर की पूजा करने को कहा.

और इस शिवलिंग को इसी उद्देश्य से जोड़कर देखा जा रहा है. पूर्व विधायक ने इस बात का भी जिक्र किया है कि बंगाल, नेपाल और भूटान आदि जगहों से लाखों श्रद्धालुगण यहां श्रावण मास में जलाभिषेक को आते हैं. सूबे के तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्री स्व जगन्नाथ मिश्र, भागवत झा आजाद और रामसुंदर दास के अलावे कई राज्यों के राज्यपाल, हाईकोर्ट के जज से लेकर विभागीय सचिव और फिल्मी अभिनेता और गायक भी समय समय पर मनोकामना पूर्ति हेतु पूजा अर्चना करते आ रहें. यह क्षेत्र महाभारत कालीन से जुड़ा है इसलिए समय समय पर खुदाई में प्राप्त वर्ग सुरक्षित आकार की ईंटें तबके समय में राजा विराट के दुर्ग के रूप में भी चिन्हित किया जाता रहा है. इसलिए ख्याति, ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे शिव मंदिर सर्किट में स्थान देने का अनुरोध किया है.

ठाकुरगंज के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरगौरी नाथ मंदिर को शिव मंदिर सर्किट में शामिल करने को लेकर गोपाल अग्रवाल ने बिहार के पर्यटन मंत्री को लिखा पत्र