किशनगंज/प्रतिनिधि
जिले के दिघलबैंक प्रखंड में एक ही परिवार के तीन बच्चों की रहस्यमयी मौत पर एआइएमआइएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने स्वास्थ्य विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड पर होती हो पहले ही इस बीमारी का पता लगा लिया जाता। यह बहुत दुख की बात है कि सीमांचल में ना कम्युनिकेशन ठीक है, ना बिजली की हालत ठीक है, ना मेडिकल सर्विसेज ठीक है।
उन्होंने कहा कि यहां पर लोगों की बीमारी से मौत हो या एक्सीडेंटल मौत हो, या प्रदूषण से मौत हो या प्रदूषित भोजन से मौत हो पूरे बिहार में सबसे ज्यादा सीमांचल क्षेत्र में यह घटना घटित हो रही है।
उन्होंने कहा कि आप हेल्प इंडेक्स को देख लीजिए सबसे सबसे निचले स्तर पर सीमांचल का इलाका है ।अभी कुछ दिनों पहले महावीर कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के ऐसे 10 जिले जहां पर कैंसर की सबसे अधिक बीमारी है वह अररिया पूर्णिया कटिहार और किशनगंज सर्वोपरि जिला है। वहीं उन्होंने कहा आखिर ऐसी कौन सी वजह है जो वोट के सौदागर सीमांचल से वोट लेने के बाद भी मेडिकल और कॉलेज के मामले में सीमांचल को नजरअंदाज करते हैं।
यही कारण है कि आज पटना और दिल्ली की बेरुखी के वजह से यहां के लोग मजदूरी करके सरकार को टैक्स देते हैं और उन्हें मरते वक्त भी सही दवा नहीं मिल पाती है। इसी का सीधा संकेत है कि जिले के दिघलबैंक में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई है। कभी हाथी आकर लोगों को घायल कर देता है जिसकी मौत हो जाती है ।
उसे कुछ राहत नहीं मिलती है अभी कुछ दिनों पहले भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी आंसू बहाने से कुछ नहीं होने वाला है। सीमांचल में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को बेहतर करने की बात अगर हो रही है तो इसमें डॉक्टरों की संख्या में भी काफी कमी देखी जा रही है इसको भी दूर करने की आवश्यकता है।
सबसे ज्यादा बीमार सीमांचल में और सबसे अधिक डॉक्टर पटना में मिलते हैं। वही प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा मैं केंद्र सरकार से यह मांग करता हूं सीमांचल में जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा दी जाए साथ ही जिनकी भी मौत सड़क दुर्घटना या बीमारी से होती है उसे 10-10 लाख का मुआवजा सरकार दे।






























