जमीयत-ए-उलेमा हिन्द के द्वारा सद्भावना सम्मेलन का किया गया आयोजन,डीएम ने कहा विरासत में जो हमें संस्कार मिले है उसे चलाना है और अपने आने वाले पीढ़ी को भी यही संस्कार देना है

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जमीयत उलेमा के सद्भवना सम्मेलन का उद्देश्य सभी धर्मो के लोगो में आपसी भाईचारा कायम करना है

सम्मेलन में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए

किशनगंज /कासिम अल कौशरी

रविवार को पश्चिमपाली स्थित एक निजी होटल में
जमीयत-ए-उलेमा हिन्द के किशनगंज इकाई के द्वारा सद्भावना सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। सम्मेलन में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, पुलिस अधीक्षक एनामुल हक मेंगनु, पूर्व एसडीओ फिरोज अख्तर के अलावा अन्य शामिल हुए।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि पूरे बिहार में किशनगंज जिला ऐसा जिला है जहां सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारा के साथ रहते है। उन्होंने कहा कि विरासत में जो हमें संस्कार मिले है उसे चलाना है और अपने आने वाले पीढ़ी को भी यही संस्कार देना है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यहां के लोग कानून व्यवस्था का पालन करते हुए कानून व्यस्था बनाए रखने में सहयोग करते है।

डीएम ने कहा कि सरकार की जो भी योजना लोगो के लिए है उसे लोगो तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं पुलिस अधीक्षक एनामुल हक मेंगनु ने कहा कि दो धर्मो के बीच लड़ाई वहीं लगाता है जिसे अपने धर्मो का ज्ञान नहीं होता है। धर्म के बीच वहीं खड़ा होता है जो कहता है यह तुम्हरा दिवाली है यह तुम्हारा ईद है, हमें ऐसे लोगो से बच के रहना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने भाईचारा एकता पर एक कविता पढ़ी जिसे सुनकर सम्मेलन में मौजूद लोगों ने तालियों से स्वागत किया।

वहीं सम्मेलन में मौजूद जमीयत उलेमा के वक्ताओं ने भी अपनी अपनी बातें रखीं। वहीं जमीयत उलेमा किशनगंज इकाई के महासचिव मौलाना खालिद अनवर ने कहा कि
जमीयत उलेमा ए हिंद देश से मोहब्बत, एकता और अहिंसा की नीति पर काम कर रही है। जमीयत उलमा हिंद के बुजुर्गों और काम करने वालों ने फिरका परस्तीए, तंग नजरीए, उग्रवाद और नफरत से कभी समझौता नहीं किया है न ही आजादी से पहले और न ही आजादी के बाद।

धर्म के नाम पर देश के बंटवारे की मुखालफत हमारी सोच का अहम हिस्सा है, जमीअत उलमा हिंद का हमेशा से पक्का यकीन है कि अनेकता में एकता और आपसी भाईचारा और सभी धर्मों का सम्मान और सब के साथ बिरादराना व्यवहार हमारे सियासी समाजी और रूहानी खमीर की मूल सामग्री है। इसी उसूल की बिना पर दहशतगर्दी और इस्लाम के नाम पर बेकसूर और मासूम और मजलूम लोगों को निशाना बनाने के खिलाफ हमने कामयाबी के साथ देशभर में मुहिम चलाई और हम एक बार फिर धार्मिक नफरत और फिरका परस्ती के खिलाफ अभियान चलाने के लिए तैयार हैं।

इस मौके पर सभी धर्मों के लोगो को साल व बुके देकर सम्मानित किया गया। वहीं इस कार्यक्रम को सम्मेलन में आए लोगो ने सराहा और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से लोगो में फैली बुराई खत्म होगी और भाईचारा में बढ़ोतरी होगी। कार्यक्रम में कोचाधामन के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम, पूर्व नप अध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन, गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष लखविंदर सिंह उर्फ लक्खा, पूर्व नप उपाध्यक्ष मो. कलीम उद्दीन, अधिवक्ता इंद्र देव पासवान, ज्यादुर रहमान, बुलन्द अख्तर हाशमी, प्रमोद वैद, इसके अलावा जमीयत उलेमा के मौलाना अबुसालिक नदवी, मौलाना मंजर अकिब, मौलाना मो. खुर्सीद, मौलाना मो. सद्दाम, मौलाना मो. महमूद, मौलाना मो. गुफरान, मौलाना मो. फैलजुर रहमान के अलावा बड़ी संख्या जमीयत उलेमा के सदस्य उपस्थित थे।

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