-दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है
-अस्पतालों में लगे मेले पर परिवार नियोजन की सामग्री बंटी
किशनगंज /प्रतिनिधि
जिले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा सोमवार से शुरू हुआ। सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मेले का भी आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी, थीम पर यह पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है । वहीं इस दौरान एक भी इच्छुक और योग्य लाभार्थी इस पखवाड़े की सुविधा से वंचित नहीं रहें, इसको लेकर आशा के द्वारा जागरूकता फैलाई गयी है । पखवाड़ा के दौरान कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित रूप से हो, इसको लेकर जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। परिवार नियोजन पखवाड़ा 4 दिसबंर तक चलेगा। इस दौरान जिले के लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री का वितरण किया जाएगा। साथ ही योग्य दंपति को बंध्याकरण के लिए जागरूक किया जाएगा।आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर लोगों से संपर्क कर रही हैं। योग्य दंपति को अस्पताल लाकर बंध्याकरण कराया जाएगा। इसे लेकर 15 से 21 नवंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह मनाया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के योग्य दंपतियों को चिह्नित किया। एक सूची बनाई गई। अब उसके अनुसार काम किया जाएगा। साथ ही जिनलोगों का नाम सूची में दर्ज नहीं हो सका और वह बंध्याकरण के इच्छुक हैं तो उनका भी ऑपरेशन किया जाएगा।
दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है-
जिला कार्यक्रम समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के एक बच्चे वाले दंपति की काउंसिलिंग की जाएगी। उन्हें दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने की सलाह दी जाएगी। दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से वह लड़ने में सक्षम होता है। साथ ही नवविवाहिताओं को पहले बच्चे की योजना 20 साल के बाद ही करने की भी सलाह दी जाएगी। बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एएनएम सभी लोगों को जागरूक करने का काम करेंगी।
- महिला के मुकाबले पुरुष की नसबंदी ज्यादा आसान है –
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा में इस बार पुरुष नसबंदी पर फोकस किया जाएगा। इसे लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। लोगों को समझाया जा रहा है कि महिला के मुकाबले पुरुष की नसबंदी ज्यादा आसान है और इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए लोग अपने अंदर से डर को निकालें और पुरुष नसबंदी के लिए आगे आएं। परिवार नियोजन के कई फायदे हैं। छोटा और सुखी परिवार रहने से न सिर्फ स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि परिवारों को आर्थिक सुविधा भी मिलती है।पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक इस पखवाड़ा का उद्देश्य एवं महत्व का संदेश पहुँचाया जाएगा। इस दौरान एएनएम, स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर पखवाड़ा की जानकारी देंगे और इच्छुक एवं योग्य लाभार्थी को पखवाड़े का लाभ लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
मेले में परिवार नियोजन की जागरूकता के साथ सामग्री का वितरणः
परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में लगे मेले के स्टॉलों पर लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री दी गई। कंडोम, कॉपर-टी और अंतरा का वितरण किया गया। लोगों को परिवार नियोजन में इसका इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया। उन्हें समझाया गया कि इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसलिए परिवार नियोजन को लेकर निःसंकोच इसका इस्तेमाल करें। वही केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग के जिला समन्वयक डॉ फैज ने बताया, पखवाड़ा के दौरान वैकल्पिक उपायों की भी जानकारी दी गयी । ताकि अगर कोई महिला परिवार नियोजन ऑपरेशन को अपनाने के लिए इच्छुक है किन्तु, उनका शरीर ऑपरेशन के लिए सक्षम नहीं है तो ऐसी महिला को वैकल्पिक व्यवस्था में शामिल कंडोम, काॅपर-टी, छाया, अंतरा समेत अन्य उपायों को अपना सकती हैं। वहीं, उन्होंने बताया, वैकल्पिक उपाय भी पूरी तरह सुरक्षित है।
