गीत /हासिम फिरोजाबादी
सांसों ने आवाज़े दी हैं दिल ने शोर मचाया है
तुम आये तो यूँ लगता है चाँद ज़मी पर आया है
तितली उड़ना भूल गयी फूल महकना भूल गये
डाली डाली पंछी चुप हैं आज चहकना भूल गये
कितने दिल उलझे हैं इसमें ऐसा जाल बिछाया है
सोच रहा हूँ तुझसे मिलकर अपने दिल की बात कहूँ
तू जो दिन को रात कहे तो मैं भी दिन को रात कहूँ
तेरी हर चूड़ी की खनक को मैंने गीत बनाया है
डोली में वो रात की रानी बैठके जब शरमाएगी
एक किरण उस चंद्रमुखी की मेरे घर भी आयेगी
मैंने भी ये सोचके खिड़की का पर्दा सरकाया है
इक तारे की तान है तुझमें तू वीणा की कोई सरगम
मीठे मीठे राग हैं तेरे सुरगाथा है मद्धम मद्धम
गीत है तू ऐसा मनमोहक जो एहसास ने गाया है

Author: News Lemonchoose
Post Views: 288