देश /डेस्क
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी के बाद एक और जहां पूरे देश में सियासी घमासान मच चुका है ।वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ हमला तेज कर दिया है ।
मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री सह बीजेपी के वरिष्ठ नेता श्री रविशंकर प्रसाद ने आज पत्रकार वार्ता के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ-साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार के ऊपर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो।
श्री प्रसाद ने कहा कि सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है।उन्होने कहा किभाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था?
उन्होंने कहा कि सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं? श्री प्रसाद ने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था।शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं।तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?
श्री प्रसाद ने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है-100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था?अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। श्री प्रसाद ने कहा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।
मालूम हो कि शनिवार को परमबीर सिंह ने पत्र लिख कर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था जिसके बाद पूरे देश में महा आघाड़ी सरकार की किरकिरी हो रही है और गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है।





























