गलगलिया/चंदन मंडल
गांव के लोगों ने जल्द से जल्द बिजली की सुविधा देने की मांग
गलगलिया. सरकार हर घर बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता के आधार पर अभियान चला रही है. सौ फीसदी गाव में बिजली सुविधा मुहैया कराने का दावा भी कर रही है.परंतु सच तो यह है कि अभी भी कई गावों में बिजली नहीं पहुंची है.
गलगलिया से सटे बंगाल के खोरीबाड़ी प्रखंड के थानझोड़ा टी इस्टेट स्थित चुर्चमुचूर जोत गांव में से एक है. आजादी के 73 साल बाद भी इस गांव में बिजली नहीं आई है. इस गांव के लोग जब दूसरे स्थानों पर चकाचक बिजली देखते हैं तो सरकार के साथ ही अपनी किस्मत को भी कोसते हैं.बिजली के अभाव मे यहा के लोग लालटेन युग में जीने को मजबूर है.
आधुनिकता के इस दौर में जहा लोग चांद के बाद मंगल ग्रह पर जाने की तैयारी में हैं,वहीं इस गाव के लोग पास के दूसरे गावों में जाकर मोबाइल चार्ज कराने को मजबूर हैं. इस संबंध में जब गांव के लोगों से बातचीत की गई तो बिजली विभाग के प्रति इनकी नाराजगी साफ-साफ दिखाई पड़ी.इस गांव के कई लोग तो बिजली की आस में स्वर्ग सिधार गए हैं. इस संबंध में संजय सहनी, गरगू सहनी, संतोष सहनी, नथानी सहनी, राजू सहनी , नवनीत झा , उमेश पासवान ,दुर्गानंद ठाकुर , बिफुल उराव , सुनील उराव दिलीप सिंह , अनूप टॉप्पो आदि दर्जनों लोगों ने बताया कि सरकार से लगाता बिजली की मांग कर रहे हैं. हमलोगों ने इस गाव में बिजली के लिए डीएम को भी पत्र लिखा,फिर भी कोई लाभ नहीं हुआ. नेताओं से भी कई बाद मुलाकात कर चुके हैं.कोई भी उनकी समस्याओं को नहीं सुन रहा है.उन्होंने कहा कि आजादी के 73साल हो गए. इस अवधि के दौरान कई चुनाव हो चुके हैं. यहा नेता वोट मागने के लिए आते हैं,चले जाते हैं.बिजली की सुविधा देने के वादे भी करते हैं,लेकिन चुनाव के बाद जैसे सबकुछ खत्म हो जाता है. बिजली सुविधा उपलब्ध कराने की बा तो दूर नेताओं के दर्शन तक नहीं होते हैं. आखिर और कब तक हमलोग अंधेरे में रहेंगे. बता दें कि इस गांव की आबादी करीब 300 है. गाव में बिजली की सुविधा नहीं होने से यहा के लोगों में काफी रोष है। ग्रामीण आज भी बिजली के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं. बिजली के अभाव मे कृषि कार्य, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. बच्चे आज भी लालटेन व डिबिया जलाकर पढ़ाई कर रहें हैं. जिसके कारण कभी-कभी बच्चों के बाल भी जल जाते हैं. लोगों ने कहा कि सरकार हर हर घर व गावों में बिजली मुहैया कराने की दावा करती है. बल्कि सच्चाई यह है कि अब भी कई गावों में बिजली नहीं पहुंची है .सरकार को इस सिस्टम को ठीक करना होगा. इस गांव के लोगों ने जल्द से जल्द बिजली की सुविधा देने की मांग की है.