कटिहार/रितेश रंजन
इलाके में कुकर बाबा के नाम से मशहूर है सिंघेश्वर साह
विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों की खेती कर नई पीढ़ी के लिए बने प्रेरणा ,किसानों को भी मिल रहा है लाभ
कटिहार में अपने घर के बगीचे में 240 तरह के आयुर्वेदिक पौधा लगाकर और उन औषधीय आयुर्वेदिक पौधों से भाप तकनीक के सहारे लोगों को मुफ्त चिकित्सा देकर सिंघेश्वर साह चर्चा में हैं। भाप तकनीक के सहारे अनोखे तरीके से इलाज के लिए क्षेत्र के लोग उन्हें “कुकर बाबा” के नाम से भी जानते हैं।

कटिहार बैगना मोहल्ला में सिंहेश्वर जी के घर के बगीचे में लगभग 240 तरह के आयुर्वेदिक पौधा हैं, जिसमें 25 से 30 ऐसे किस्म के पौधे हैं जो अब आयुर्वेदिक क्षेत्र में भी विलुप्त के श्रेणी में है, आयुर्वेदिक औषिधी और उससे जुड़ी खेती के क्षेत्र में उनका आकर्षण पर कुकर बाबा कहते है कि उन्हें उनके पिता से ही विरासत में ये ज्ञान मिला है और बाद में बैद्य की उपाधि के साथ अब वह आयुर्वेदिक पौधे की खेती भी अपने ही घर के बगीचे में शुरू कर दिया है।

आयुर्वेदिक क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए पतंजलि संस्था के अलावे और कई प्रतिष्ठित संस्था द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है,फिलहाल जड़ी-बूटियों के सहारे भाप तकनीक के इलाज की इस तरीके से आज के युवा पीढ़ी भी लाभ मिलने की बात कहते हुए आगे आयुर्वेदिक के साथ-साथ भाप तकनीक के चिकित्सा पर भी रुचि जता रहे हैं। स्थानीय युवक दीपक ने बताया कि उसे जब भी आवश्यकता होती है किसी बीमारी के इलाज की तो वो कुकर बाबा के पास ही पहुंचता है ।
वही आयुर्वेदिक खेती में सिंगश्वेर जी के रूचि को देखते हुए, कृषि आधारित संस्था आत्मा उन्हें भरपूर सहयोग देने की आश्वासन दे रहे हैं। आत्मा के उप निदेशक एस के झा ने कहा कि कुकर बाबा विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को संग्रहित कर बहुत अच्छा कार्य कर रहे है और आत्मा भी उनका सहयोग कर रही है साथ ही कहा कि आगे भी हम उन्हें सभी तरह का सहयोग प्रदान करते रहेंगे ।





























