रिपोर्ट:बिपुल विश्वास
देश के पूर्व रेलमंत्री व मिथिला की शान के नाम से जाने जाने वाले स्व ललित नारायण मिश्र की 49वीं पुण्यतिथि पर बलुआ स्थित उनके निवास पर बिहार सरकार के द्वारा आयोजित राजकीय बलिदान दिवस कार्यक्रम में शिरकत कर एक पहल के संस्थापक ई आयुष अग्रवाल ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।
कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, अररिया के पूर्व सांसद सुखदेव पासवान कोशी क्षेत्र के एमएलसी अजय सिंह, जहूर आलम व अन्य ने संयुक्त रूप से किया।

सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी आगुनतकों को मिथिला के सुप्रसिद्ध महंत धमेंद्र झा के द्वारा मंत्रोचार कर बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना कराई गई एवं उसके उपरांत कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
एक पहल के संस्थापक ई आयुष अग्रवाल स्व मिश्रा के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि न सिर्फ़ बिहार की धरती वरन पूरा देश उनके द्वारा किए गए कार्यों का ऋणी है। आज अगर सहरसा रेल खंड की कल्पना भी हम सभी कर पा रहे हैं तो वह स्व मिश्रा की देन है। श्री अग्रवाल ने कहा कि स्व मिश्रा की कल्पना परिवर्तन के पक्ष में रहती थी एवं अगर वह रहते तो सहरसा रेल छावनी में तब्दील हो गया होता जिसका सुगम प्रभाव सीमांचल के लोगों को भी मिलता।

श्री अग्रवाल ने कहा कि स्व मिश्रा दूरदर्शी सोच के थे एवं उनके अंदर जितना राजनीतिक गुण था उससे कई ज़्यादा सामाजिक गुण था। वे प्रतिभा को पहचानने का विशेष कला रखते थे जिसका जीता जागता प्रमाण यह था कि जब वे फ़ोरेन ट्रेड के मंत्री रहे उस समय डा. मनमोहन सिंह को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था जो बाद में जाकर देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किए।
अपने सम्बोधन में मंत्री संजय झा ने कहा कि ललित बाबू को किसी एक क्षेत्र से सिर्फ़ जोड़कर नहीं देखा जा सकता। वे जनता के नेता थे और उनके कामों के चलते हर क्षेत्र के लोग उनको अपना समझते थे। उनके द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा आज भी हर विभाग में होती। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों में स्व मिश्रा के पुत्र संजय मिश्र, पोता संजीव मिश्रा एमएलसी, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, सुपौल के नव निर्वाचित मुख्य पार्षद, प्रमुख, मुखिया, मुखिया प्रतिनिधी, अमन झा, धीरज रंजन व अन्य सम्मानित ग्रामीण मौजूद रहे।



