इंसान ही नही,बल्कि आवारा पशुओं का भी खेवनहार बना जनकल्याण मंच ठाकुरगंज ।

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किशनगंज/ ठाकुरगंज/ रणविजय

सेवा कार्य की चहुंओर हो रही है प्रसंशा ।

जनकल्याण मंच द्वारा लॉक डाउन के बाद से ही की जा रही है गरीबों की सेवा ।पीड़ितो तक राशन ,दवा , मास्क का किया जा रहा है वितरण ।

“हर प्राणी में आत्मा,हर प्राणी में जान,रक्षा हो हर जीव की,तब ही मानव- मान” इन पंक्तियों को अपने कर्म कर्तव्य से चरितार्थ करते हुए जनकल्याण मंच ठाकुरगंज, ना सिर्फ जरूरतमंद इंसानों के लिए राहत फूड पैकेट की व्यवस्था करते हैं,बल्कि नगर में विचरण करते आवारा पशुओं के पेट की भूख मिटाने की जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वहन करते हुए पशु प्रेम के प्रति भी अपनी आस्था को प्रकट किया है जिनके पशु प्रेम की चर्चाएं चहुंओर गूंज रही है। जी हाँ, कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आज जितना इंसान परेशान है,उतना ही आवारा बेजुबान पशु भी। हाट बाजार में होटल,गली मुहल्लों में घर का फेंका जूठन पर पलने वाले बेजुबान कलतक अपनी भूख किसी तरह मिटा भी लेता था,किन्तु आज उनके सामने भी भूख का संकट उत्पन्न हो गया है।इसी लॉकडाउन के पीरियड में कुछ दिन पूर्व नगर पंचायत के दो स्थानों में दो आवारा पशुओं(कुत्तों) को मृत अवस्था में पाया गया, उनकी ऐसी दयनीय स्थिति देख नगर के कई गणमान्य नागरिक व पशु प्रेमियों ने स्थानीय सोशल मीडिया में अपनी चिंता जाहिर की थी जिस खबर से वाकिफ होकर जनकल्याण मंच ठाकुरगंज के अध्यक्ष सिकन्दर पटेल ने लोगों की इस चिंता को वाजिब बताते हुए यह निर्णय लिया कि लॉकडाउन के दौरान आवारा पशुओं को किसी भी सूरते हाल में भूख से मरने नही दिया जाएगा और इनके खाने पीने की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाने की घोषणा की।इसके बाद मंच के वॉलिंटियर्स के सहयोग से प्रत्येक संध्या अन्नपूर्णा रसोई कार्यक्रम की शुरुआत की गई और प्रत्येक रात्रि 10 बजे नगर के विभिन्न गली- मोहल्लों में घुम- घुम कर पका हुआ भोजन इन आवारा पशुओं के बीच परोसने का सिलसिला आरंभ किया गया जो आजतक जारी है।इस संबंध में मंच के अध्यक्ष सिकन्दर पटेल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण नगर के होटल, रेस्टोरेंट, फुटपाथ पर लगने वाले फूड सेंटर सब बंद है।घरों से भी खाना बाहर नहीं फेंका जा रहा है। ऐसे में सड़कों पर टहलने वाले आवारा पशुओं के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है।नतीजा सड़कों, गलियों में घूमने वाले आवारा पशु भूख से परेशान हो रहे हैं।कुत्ते इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कई कुत्ते की भी भुख से मरने की सूचना लोगों के द्वारा दी गई। इस पर मंच के कई सदस्यों ने चिंता जताई कि लॉकडाउन में आवारा पशुओं का पेट भरने के लिए भी काम किया जाए। सिकन्दर पटेल ने बताया कि ये पशु भी पर्यावरण संरक्षण के लिए उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं, जितनी कि अन्य चीजें।ऐसे में जब आवारा पशुओं के भोजन का इंतजाम करने के लिए मंच के द्वारा एक विशेष टीम का निर्माण कर अन्नपूर्णा रसोई कार्यक्रम की शुरुआत गत एक मई से की गई और प्रत्येक रात्रि 10 बजे नगर के विभिन्न चौक-चौराहों व गली -मोहल्लों में घूमने वाले बेजुबान पशुओं के बीच परोसने का काम शुरू हुआ तो फिर आज भी यह सिलसिला जारी है।भोजन परोसने के लिए मंच के वोलेंटियर कृष्ण सिन्हा, काजल दत्ता,तेलता राय, विजय बर्मन,अभिषेक आनंद, ज्ञान सागर आदि सदस्यों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बहरहाल जो भी हो इतना तो जरूर है कि जनकल्याण मंच ठाकुरगंज की इस दरियादिली की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। 

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इंसान ही नही,बल्कि आवारा पशुओं का भी खेवनहार बना जनकल्याण मंच ठाकुरगंज ।