समस्या : चचरी पुल निर्माण पर एसएसबी द्वारा रोक लगाए जाने से ग्रामीणों को आवागमन में हो रही है परेशानी ,ग्रामीणों ने पुल निर्माण को लेकर अधिकारियों से लगाई गुहार

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खोरीबाड़ी /चंदन मंडल

दार्जीलिंग जिले के अंतिम छोड़ व भारत- नेपाल सीमा से सटे डांगुजोत के ग्रामीणों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।दरअसल यहां वर्षों से लोगों की आवाजाही के लिए मिट्टी की सड़क बनायी गयी थी। जो मेची नदी के नवनिर्मित पुल के रास्ते को छूती है। लेकिन बरसात के दिनों में मेची नदी की जलस्तर बढ़ने से करीब 30 मीटर सड़क टूटकर एक गढ्ढे में तब्दील हो गया है। जिसके कारण डांगुजोत की करीब 1000 हजार आबादी वाला गांव समेत आस पास के राहगीरों को भी आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण यहां चचरीपुल बनाना चाहते है लेकिन उसपर रोक लगा दिया गया है ।






ग्रामीणों का कहना है कि यहां अब एक कलवट पूल की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों ने कई बार आने- जाने के लिए लोगों ने बांस का अस्थायी पुल (चचरी) बनाया है, लेकिन इस वर्ष बांस की पूल बनाने पर भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी द्वारा रोक लगा दिया गया है। एसएसबी का कहना है कि 30 मीटर जगह नोमेन्स लैंड में पड़ता है।जिस वजह से पूल बनने पर एसएसबी द्वारा रोक लागये गये हैं ।

बता दें कि अगर यहां बांस की पूल बनता है तो इसे मेची पूल के जाने वाली इंटरनेशनल सड़क से जोड़ना होगा ,जो केंद्र का मामला है। यही कारण है कि नजदीकी प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। जिस वजह से यहां स्थानीय लोगों के साथ साथ राहगीरों को भी आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन उनकी पीड़ा नहीं समझ रहा है।






इस संबंध में स्थानीय देवकुमार महतो , अरविंद कुमार यादव , अशोक साह आदि ने बताया वे लोग का उक्त जगह पर आवागमन को लेकर कई वर्षों से बांस का अस्थायी पुल बनाते आ रहे हैं इस साल भी लोगों के आगमन के लिए बांस की पुल बना रहे थे , लेकिन एसएसबी द्वारा रोक लगा दिया गया है। इससे आने वाले इस बरसात में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा इस समस्या के संदर्भ में लिखित आवेदन पत्र भी खोरीबाड़ी बीडीओ को दिया गया है।

जब इस संबंध में एसएसबी की 41 वीं वाहिनी के कमाडेंट सुभाष चंद नेगी से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसएसबी की ओर से कोई रोक नही लगाई गई है । नियम अनुसार एसएसबी अपना काम कर रही है। उन्होंने कहा भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पीलर से दस गज न ही इसपार और न ही दस गज उसपार कोई काम नहीं हो सकता है। वहीं इस मामले में खोरीबाड़ी बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने मामले को इंटरनेशनल बताते हुए बाद में बात करते हैं कहकर अपनी बात को विराम लगा लिया। स्थानीय लोगों ने वरीय अधिकारियों से उचित कदम उठाने की मांग की है। ताकि स्थानीय लोगों के साथ राहगीरों को भी चलने फिरने में परेशानी न हो।






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