किशनगंज /राजेश दुबे
* ऩशे के सौदागर छोटे -छोटे बच्चो को बना रहे है शिकार *
बंगाल और नेपाल के रास्ते जिले मे पहुँच रहा है मादक पदार्थ
बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी एवं नित्य नये कड़े कानून बनाने के बाद भी नशे के सौदागर युवा पीढ़ी को नशे की जाल में फसाने से बाज नही आ रहे है । नशे के कारोबारी इन दिनो सीमावर्ती क्षेत्रो के माध्यम से पूरे सीमांचल के युवाओ को मादक पदार्थो से बर्बाद करने में लगे हुए हैं ।
पुलिस और एसएसबी ने सीमावर्ती क्षेत्र में गांजा और मादक पदार्थों की कई खेप पकड़ी है। हाल के दिनों में किशनगंज पुलिस ने दर्जनों नशे के सौदागरों को मादक पदार्थों के साथ दबोच कर जेल भेजने का काम किया है।
जिससे पता चलता है कि शराबंदी के बाद नशे के सौदागर नशे की लत से युवाओ को बबाॅद करने में लगे हुए है।
जिन्हे जप़्तियो के माध्यम से समझा जा सकता है। इस बात को 2016 व 2015 में पुलिस व एसएसबी द्वारा जब्त मादक पदार्थो के खेप से ही समझा जा सकता है।बिहार- बंगाल सीमा पर 6 अगस्त 2016 को गलगलिया थाना क्षेत्र से एक किलो मीटर की दुरी पर स्थित प बंगाल के चक्करमारी में एसएसबी 41वीं बटालियन के जवानों ने उप सेनानायक ब्रजेश कुमार के नेतृत्व में 30 ग्राम हेरोइन के साथ दो युवक गलगलिया निवासी उम्र-30 वर्ष व मुर्शिदाबाद जिला के लालगोला निवासी उम्र-26 वर्ष को पकड़ा था। बंगाल- बिहार की सीमा पर 4 अप्रैल 2016 को इसी चक्करमारी हाईवे 327 ई पर 19विं बटालियन कादोमनीजोत के एसएसबी जवानों ने एसआई/जीडी कमांडर सुरेश कुमार के नेतृत्व में वाहन चेकिंग के दौरान डब्लू बी 73 ए 6438 नं. की सिलिगुडी से गलगलिया के सिंघियाजोत आ रही बस से तस्करी के 2 किलो गांजा सहीत एक युवक को पकड़ा था।फिर 14 अप्रैल 2016 ठीक 10 दिन बाद फिर इसी बंगाल-बिहार की सीमा के चक्करमारी में गाडी नं- डब्लू बी 73 डी-3677 ऐतिआना कंपनी की बस सिलिगुडी से खुलकर जोगवनी जा रही थी। तभी 19 वीं बटालियन के जवानों ने 2 पैकेट में 15 किलो गांजा बरामद किया था।
स्क्वायड डॉग के निशानदेही पर तबरेज नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा भी गया था। 25 मई 2016 को ठाकुरगंज के सुखानी थाना क्षेत्र स्थित भेलागुड़ी-सालगुड़ी चौक एनएच 327 ई पर एक पुल के निचे से तस्करों द्वारा छिपाकर रखे गए 90 किलो गांजा बरामद किया था।हालाँकि इस दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
18 मार्च 2015 भारत-नेपाल व बंगाल सीमा के गलगलिया भातगाँव चेकपोस्ट पर एसएसबी 19वीं बटालियन के जवानों ने बंगाल से नेपाल ले जाने के क्रम में स्क्वायड डॉग की निशानदेही पर 30 पैकेट ड्रग्स के साथ खोड़ीबाड़ी निवासी रविन्द्र सिकदार को पकड़ा था।
10 सितम्बर 2015 को ठाकुरगंज-अररिया मुख्य मार्ग के दारूम उलूम चौक पर गाड़ी डब्लू बी-06 डी-2070 से 10 लाख रूपये का डेढ़ क्विंटल गांजा बरामद कर मुर्शिदाबाद निवासी हसिबुल इस्लाम व सिलीगुड़ी निवासी अविनाश मंडल को धर-दबोचा था।28 अक्टूबर 2015 को गलगलिया थाना क्षेत्र के दरभंगिया टोला में एसएसबी जवानों ने 4 किलो गांजा के साथ एक 42 वर्षीय महिला तस्कर नक्सल बाड़ी निवासी को पकड़ा था एवं अन्य 2 महिला फरार हो गई थी। 2019 से 2020 में भी पुलिस ने करवाई करते हुए सैकड़ों पुड़िया स्मैक अलग अलग समय में जप्त किया और सदर थाना क्षेत्र से दर्जनों युवाओं को जेल भेजने का काम किया है । सूत्रों की माने तो पुलिस द्वारा करवाई के बावजूद बंगाल से अभी भी स्मैक के कारोबारी चोरी छुपे धंधे को अंजाम दे रहे है और लॉक डाउन के बीच शहर के कई स्थानों पर इनके द्वारा अवैध कारोबार कर नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है ।
कैसे देते हैं इस काम को अंजाम
सीमांचल के सीमावर्ती क्षेत्रो से सटे इलाको हफतियागच्छ,इस्लामपुर, विधाननगर, दालकोला, खोड़ीवाड़ी, नक्सलवाड़ी में फैले नशे के सौदागर के सदस्यो द्वारा मालदा के वैष्णव नगर के रास्ते में ही मादक पदार्थो का खेप उपलब्ध करा दिया जाता है ।फिर ये बिहार के पटना, दरभंगा, भागलपुर, बरौनी, पूणिॅया, कटिहार मोड़, किशनगंज सहित कई अन्य जगहो पर बिचौलियों के माध्यम से ग्राहकों से मोटी कीमत वसूल कर उपलब्ध कराया जा रहा है।समय रहते अगर इस पर अंकुश नही लगाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब सीमांचल के प्रत्येक परिवार का तीसरा युवा नशे का शिकार हो जाएगा ।





























