डेस्क/न्यूज लेमनचूस
किशनगंज जिला के दिघलबैंक प्रखंड स्थित गोवाबाड़ी गांव में 1.41 करोड़ रुपये की लागत से कनकई नदी पर निर्मित पुल उद्घाटन से पूर्व ही धंस गया ।जिसे लेकर एक बार फिर बिहार कि राजनीति गर्म हो चुकी है ।
मालूम हो कि 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ गोवाबाड़ी – कुढ़ेली के बीच रास्ता कट जाने के बाद यहां पुल निर्माण की अनुसंशा की गई थी ।लेकिन पुल का उद्घाटन होता इससे पहले ही यह धंस गया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग की वजह से पुल की यह स्थिति हुई है ।
वहीं जैसे ही पुल धसने कि खबर मीडिया में आई उसके बाद बिहार की विपक्षी पार्टी राजद को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे मामले पर एक बार फिर से नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और उनका कहना है कि किशनगंज़ जिला में करोड़ो की लागत से निर्माणाधीन सुशासनी पूल उद्घाटन से पहले टूट गया।

श्री यादव ने साथ ही कहा कि देखते है 15 वर्षों की भ्रष्टाचारी सरकार और 60 घोटालों के प्रबन्ध संरक्षक कर्ता श्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका दोष विपक्ष या प्रकृति में से किसे देते है?
नेता प्रतिपक्ष ने पूर्व की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि किशनगंज में करोड़ों का निर्माणाधीन पुल नीतीश जी की कृपा से भगवान को प्यारा हो गया।263 करोड़ का सत्तरघाट पुल उद्घाटन के 29वें दिन टूट गया।साथ ही कहा 509 करोड़ के बंगरा घाट सेतु का उद्घाटन से एक दिन पहले पहुँच पथ टूट गया।1000 करोड़ की लागत से निर्मित तटबँध उद्घाटन वाले दिन टूट जाता है ।
मालूम हो कि गोवाबाड़ी में पुल बन जाने से दर्जनों गांव के हजारों लोगो को इसका फायदा होता लेकिन संवेदक और विभागीय लापरवाही की वजह से आज पुल का सपना चकनाचूर हो चुका है । संवेदक मो नदीम भी इसे प्राकृतिक आपदा बता रहे है ।लेकिन सवाल उठता है कि करोड़ों रुपए की बरबादी का जिम्मेवार कौन है और विभाग क्या करवाई करेगी या फिर यह फ़ाइल भी कहीं दब कर रह जाएगी ।