डेंगू और चिकनगुनिया प्रबंधन पर जिला स्तरीय प्रशिक्षण: चिकित्सा अधिकारियों को सशक्त बनाने की पहल
जानलेवा बीमारियों पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कदम
किशनगंज :डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हैं, जो हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करती हैं। ये रोग एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलते हैं, जो साफ पानी में पनपता है और दिन के समय अधिक सक्रिय रहता है। डेंगू में तेज बुखार, शरीर में दर्द, प्लेटलेट काउंट में गिरावट और गंभीर मामलों में आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। वहीं, चिकनगुनिया में जोड़ों में असहनीय दर्द, बुखार और त्वचा पर लाल चकत्ते देखे जाते हैं। इन बीमारियों का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन समय पर इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है।इसी क्रम में गुरुवार को सदर अस्पताल प्रांगन में किशनगंज में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए चिकित्सा अधिकारियों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, और गैर-संचारी रोग पदाधिकारी ने भाग लिया और इन बीमारियों की रोकथाम, निदान और उपचार पर विस्तृत जानकारी साझा की।
चिकित्सा अधिकारियों को दी गई अहम ट्रेनिंग
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेंगू और चिकनगुनिया के प्रभावी प्रबंधन, सही समय पर निदान, और रोगियों की उचित देखभाल पर जोर दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों की रोकथाम सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा”इन बीमारियों का प्रसार रोकने के लिए हमें मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना होगा। लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है कि वे घर और आसपास पानी जमा न होने दें।गैर-संचारी रोग पदाधिकारी ने डेंगू के गंभीर मामलों में अस्पतालों में उपलब्ध उपचार सुविधाओं पर प्रकाश डाला और कहा तेज बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते या शरीर में दर्द होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खुद से पेनकिलर न लें, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।”
जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव
कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जनता को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में फॉगिंग, लार्वा नियंत्रण, और स्वच्छता अभियानों को तेज किया जाएगा।
कैसे करें बचाव?
- घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
- कूलर, गमलों, टायर और खुले बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
- पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
- घर में मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएं।
- बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और प्लेटलेट काउंट की जांच कराएं।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने आमजनों से अपील की कि वे इन बीमारियों के लक्षणों को हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें। समुदाय की भागीदारी से ही हम डेंगू और चिकनगुनिया को जड़ से खत्म कर सकते हैं।यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल चिकित्सा अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि जनता में जागरूकता फैलाने के लिए भी एक प्रभावी पहल साबित होगा।