देश : कोरोना काल में ट्विटर पर ट्रेंड हुआ WhereIsRss ,देखिए कहा है आरएसएस

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राजेश दुबे

नीचे तस्वीरों में देखे कहा है आरएसएस

कोरोना काल में एक तरफ जहां लोग अपनी जान बचाने की कोशिश में जुटे हुए है ।हर तरफ भय और बेबसी का वातावरण  है ,अपने लोग ही अपनों को छूने से डर रहे है ।वही दूसरी तरह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक दिन रात सेवा कार्य में जुटे हुए है ।महामारी कि पहली लहर हो या फिर वर्तमान में जारी दूसरी लहर स्वयं सेवक देश के विभिन्न प्रांतों में बढ़ चढ़ कर लोगो की मदद कर रहे है ।

कोविड आइसोलेशन सेंटर,अस्पताल की स्थापना के साथ साथ जरूरतमंदो तक भोजन पहुंचाने का कार्य स्वयं सेवको द्वारा बखूबी किया जा रहा है । हजारों सेवक अभी तक रक्त दान और प्लाज़्मा डोनेट कर मरीजों की जान बचा चुके है । ऑक्सीजन के साथ साथ मुफ्त दवा और अन्य जरूरी सामग्री प्रदान किया जा रहा है ताकि लोगो की जान बचाई जा सके।संघ के स्वयं सेवक कश्मीर से कन्याकुमारी तक रंग, भेष,भूषा, भाषा , जाति,पंथ को भूल कर ‘सेवा परमो धर्म ‘ के भारतीय संस्कृति की अवधारणा को जमीन पर चरितार्थ कर रहे है ।



बता दे कि संघ प्रचार प्रसार से हमेशा खुद को दूर ही रखता है ,जिसकी वजह से कुछ कथित बुद्धिजीवी संघ पर सवाल खड़े करते रहते हैं कि संघ कहा है ?सोशल मीडिया साइट्स ट्विटर पर #WhereIsRss ट्रेंड करवा कर कथित बुद्धिजीवी सवाल खड़े कर रहे है कि संघ कहा है ?लेकिन संघ तो प्रचार प्रसार से दूर अपने कार्यों में हमेशा की तरह जुटा हुआ है जो समाज के निचले तबके को दिखाई भी दे रहा है ।फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस के ट्विटर हैंडल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में कोरोना से हुई मौत के बाद दिवंगत लोगो का जहा संघ ने अंतिम संस्कार किया, वहीं ऐसे परिवार जो की अस्थि विसर्जन में सक्षम नहीं थे कि अस्थियों का विसर्जन भी स्वयं सेवकों द्वारा किया गया ।प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज संघ के वरिष्ट नेता इंद्रेश कुमार ने दर्जनों ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर सेवा इंटरनेशनल को प्रदान किया  है । ताकि ऑक्सिजन की कमी से जूझ रहे देश को संकट से उबारा जा सके ।महाराष्ट्र के नांदेड में 28 स्वयं सेवकों द्वारा आज कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रक्तदान किया ।

यह तो कुछ उदाहरण है संघ के सेवा कार्यों की ।संघ के स्वयं सेवक उत्तराखंड,महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश,गुजरात,छत्तीसगढ़,दिल्ली,हरियाणा,मध्यप्रदेश सहित सुदूर पूर्वोत्तर में सेवा कार्यों में जुटे हुए है और यह पहली बार नहीं है कि देश संकट में है और स्वयं सेवक घरों में बैठे हो ।संघ ने स्थापना काल से ही यह दिखा दिया है कि जहा संकट है वहा संघ के स्वयं सेवक है ।उसके बावजूद अगर कोई सवाल खड़े करता है कि संघ कहा है तो यही कहा जा सकता है की ऐसे लोगो की मानसिकता ही गंदी है जो खुद तो कुछ नहीं करते लेकिन दूसरे पर उंगली उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं ।



तस्वीर साभार :फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस के ट्विटर हैंडल से

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