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भारतीय जनता पार्टी द्वारा आपातकाल के विरोध में परिचर्चा का किया गया आयोजन

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अररिया/बिपुल विश्वास

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग और भ्रष्ट आचरण अपनाकर लोकसभा चुनाव जितने का दोषी पाए जाने के बाद,उन्हें सांसद पद से अयोग्य घोषित करते हुए राजनारायण जी को सांसद घोषित किया था।


ऐसी घोषणा के तुरंत बात तत्कालीन राष्ट्रपति फकरूदीन अली अहमद से बिना मंत्रिपरिषद का बैठक किए दवाब बनाकर 25 जून के मध्य रात्रि में आपातकाल पर हस्ताक्षर करवाकर किसी सभा जुलूस पर रोक लगा दी गई,लगभग 1.4 लाख नेता कार्यकर्ता को जेल में बंद कर दिया गया अगले दिन प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई,प्रिंटिंग प्रेस का बिजली बत्ती काट दी गई जेल में और बाहर भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्यक्तियों पर कठोर करवाई होने लगी।

इंडी गठबंधन समेत कांग्रेस के लोग 2024 के चुनाव में संविधान और लोकतंत्र का खतरे का भ्रम फैला रहे थे,जबकि 25 जून 1975 समेत कई बार कांग्रेस संविधान पर हमला करने का प्रयास कर चुके हैं,कांग्रेस का सत्ता पाने का इतिहास जैसा 1975 में था वैसा आज भी है ।


परिचर्चा की अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण झा ने किया ,मुख्य अतिथि के रूप में विधायक विद्या सागर केशरी मौजूद रहे,परिचर्चा में जिला महामंत्री प्रताप नारायण मंडल जिला उपाध्यक्ष नवीन यादव सुधीर भगत पूर्व जिला उपाध्यक्ष मनोज झा अनुसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष गंगा ऋषिदेव महिला मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जिला पार्षद किरण कुमारी जिला मंत्री नीरज कुमार पूर्व मंडल अध्यक्ष विकाश भगत भरगामा मंडल उपाध्यक्ष चंदन सिंह मनोज कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा आपातकाल के विरोध में परिचर्चा का किया गया आयोजन

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