रात होगी तो चाँद दुहाई देगा,
ख्वाबों में उसका चेहरा दिखाई देगा,
ये इश्क है ज़रा सोच समझ कर करना,
क्यूंकि यहाँ एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
जब उनका जिक्र छिड़ जाता है,
तो एक इत्र सा फ़िज़ाओं में महक जाता है,
जब वो मुझे अपनी झील सी आंखों से देखतें है न,
तब मेरा दिल पल दो पल को ठहर सा जाता है।
न जाने वो क्यूँ मुझसे खफा हो जातें हैं,
मुझे लगता है शायद वो मुझे आजमाते हैं,
उनकी यादों को तो हम इस तरह सीने से लगा रखेंगे,
चाहे भले ही वो मुझे दूर से बुलातें हैं।
ये ठंडी हवाएं , काली घटाएं , मस्त फिजाएं ,
हर बार ही कुछ कहती हैं, पर सुनाई जब देती हैं,
जब वो साथ मेरे होती है।
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